देश के प्रख्यात रंगकर्मी अरुण पाण्डेय ने 21 सितम्बर 2025 को जीवन के रंगमंच से विदाई ले ली. उन्होंने अपने जीवन के 50 से अधिक वर्ष रंगकर्म को दिया है. उनको करीब से जानने वाले कहते हैं कि अरूण जी ने रंगकर्म को जिया है.

इप्टा के महत्वपूर्ण साथी, जाने माने निर्देशक विवेचना जबलपुर के स्तंभ आज शाम 5.15 को हुआ. वे काफी समय से बीमार थे.
उनका न रहना रंगजगत की अपूरणीय क्षति है। मध्यप्रदेश में ipta के लिए अरुण का योगदान अविस्मरणीय है। ईसुरी और निठल्ले की डायरी नाटकों के लेखन और निर्देशन के लिए उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा.

‘निठल्ले की डायरी’
विवेचना रंगमंडल जबलपुर के निर्देशक अरूण पाण्डेय जी से अभिनय और रंगकर्म सीखे हुए शिष्यों की संख्या हजारों में है. उनकी अंतिम यात्रा, राइट टाउन स्थित उनके निवास से गौरीघाट मुक्तिधाम के लिए सोमवार दिनांक 22 सितंबर को दोपहर 12.30 बजे प्रस्थान करेगी.
अरूण पांडे के निर्देशन में बहुत से नाटकों का मंचन रायपुर में भी हुआ है । अरूण पांडे लंबे समय तक प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से भी जुड़े रहे । उन्होंने रायपुर भास्कर में भी संपादक के रूप में अपनी सेवाएं दी । अरूण पांडे ने देशभर में बहुत सी जगहों पर नाट्य वर्कशॉप का संचालन भी किया है.
छत्तीसगढ़ फ़िल्म एंड विजुअल आर्ट सोसाइटी की ओर से अरुण पाण्डेय को विनम्र श्रद्धांजलि दी है.