:विनोद कुशवाहा:
बिलासपुर: ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता के इस महीने में, अपोलो कैंसर सेंटर (ACCs)
ने एक अनोखी पहल शुरू की है जो ‘चेक-ओलेट’ के माध्यम से मिठास के साथ
जागरूकता को जोड़ती है, एक मीठा उपहार जो एक और भी मीठी याद दिलाता है: “खुद के लिए थोड़ा समय”

GLOBOCAN के अनुसार, भारतीय महिलाओं में स्तन कैंसर कैंसर की घटनाओं और मृत्यु दर का प्रमुख कारण बना हुआ है, जो सभी नए कैंसर मामलों का 13.5% और कुल कैंसर मौतों का 10.6% है। इस बढ़ते बोझ के बावजूद, जांच दरें खतरनाक रूप से कम बनी हुई हैं, केवल 30-69 वर्ष की आयु वाली 1.6% महिलाओं ने कभी जांच करवाई है (NCBI)।
अधिक जागरूकता और सक्रिय रोकथाम की तत्काल आवश्यकता को पहचानते हुए, ACCs का उद्देश्य चेक-ओलेट के माध्यम से सेल्फ एग्जामिनेशन को सामान्य बनाना और महिलाओं को स्तन सेल्फ एग्जामिनेशन को एक नियमित आदत बनाने के लिए सशक्त बनाना है, जिससे वे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख सकें। डॉ. प्रीथा रेड्डी, कार्यकारी उपाध्यक्ष, अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज लिमिटेड ने अपने भेजे गए संदेश में कहा “जब महिलाएं स्वस्थ होती हैं, तो राष्ट्र समृद्ध होते हैं।

हर महिला की अच्छी तरह से देखभाल एक बल गुणक है जो परिवारों, समुदायों और अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है। अपोलो में, हम महिलाओं के स्वास्थ्य को एक राष्ट्रीय प्राथमिकता और साझा जिम्मेदारी के रूप में देखते हैं। अपोलो कैंसर सेंटर और अपोलो अथेना के माध्यम से, हम कैंसर के लक्षणों को आरंभ में ही पता लगाने की जागरूकता के प्रसार पर कार्य कर रहे हैं, समय पर हस्तक्षेप को सपोर्ट कर रहे हैं, और एक संस्कृति का निर्माण कर रहे हैं जहां सक्रिय देखभाल व स्वस्थ रहना प्राथमिकता होगी। ‘चेक-ओलेट’ पहल इस मिशन में एक और उद्देश्यपूर्ण कदम है, जो महिलाओं को याद दिलाता है कि स्वयं की देखभाल एक विशेषाधिकार नहीं है; यह शक्ति है, और यह एक स्वस्थ, मजबूत और अधिक समृद्ध भारत के लिए आवश्यक है।
माननीय महापौर बिलासपुर श्रीमती पूजा विधानी ने कहा, महिला पत्नी,माता, बहन , बेटी आदि रूप में परिवार के केंद्र होती है और और यदि परिवार की महिला बीमार हो जाए। सारा परिवार सारा घर अस्त व्यस्त हो सकता हो जाता है। अतः यह आवश्यक है कि परिवार के केंद्र बिंदु, महिलाओं का स्वास्थ्य अच्छा बना रहे हैं। उन्होंने अपोलो के अभियान के बारे में आगे कहा कि “हर कोई चॉकलेट पसंद करता है; यह आराम और हमारे मन में थोड़ी सी खुशी लाता है।
चेक-ओलेट को वास्तव में विशेष बनाने वाली बात यह है कि यह कुछ ऐसा है जिसे सर्वमान्य रूप से पसंद किया जाता है और इसे महिलाओं के लिए खुद की देखभाल करने के लिए एक माध्यम में बदल देता है। यह नियमित स्तन आत्म-परीक्षा को प्रोत्साहित करता है। मुझे लगता है कि यह जागरूकता को कार्रवाई में बदलने और महिलाओं को वास्तव में अपने स्वास्थ्य को समझने के लिए सशक्त बनाने का एक रचनात्मक और विचारशील तरीका है।”
अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर के यूनिट हेड अभय गुप्ता ने बताया कि स्तन कैंसर जागरूकता के लिए अपोलो द्वारा चलाए जा रहा स्वस्थ तन प्रशिक्षण अभियान प्रदेश की सबसे बड़ी कैंसर जागरूकता मुहिम है इसके अंतर्गत अभी तक कोरबा रायगढ़ अंबिकापुर बिलासपुर अनूपपुर एवं शहडोल जिलों में विशाल कैंसर जागरूकता रैलियां का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा चुका है, साथ ही लगातार स्व स्तन परीक्षण के ऊपर सेमिनारों का आयोजन कॉलेजों विश्वविद्यालयों विभिन्न सामाजिक संगठनों रेजिडेंशियल कॉलोनीयों राष्ट्रीयकृत बैंकों शासकीय एवं निजी संस्थानों में किया जा रहा है।
इस कड़ी में अपोलो व प्रशिक्षण पुस्तिका की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही जिसका विमोचन विभिन्न जिलों के कलेक्टर पुलिस अधीक्षक एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया गया। इस मुहिम के तहत अब तक लगभग 15000 से अधिक महिलाओं को प्रत्यक्ष रूप से स्व स्तन परीक्षण की ट्रेनिंग प्रदान की जा चुकी है।
यूनिट हेड अभय गुप्ता ने इस अवसर पर महिलाओं से नियमित रूप से स्वैप परीक्षण करने की अपील की उन्होंने बताया कि जागरूकता ही बचाव है।
डार्क चॉकलेट की प्रत्येक बार (चेक-ओलेट) में एक QR कोड होता है, जिसे स्कैन करने पर, स्तन आत्म-परीक्षा पर एक चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका वाला एक एनिमेटेड वीडियो खुलता है।
 
	
 
											 
											 
											 
											