रायपुर। छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति ने नई दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले में अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी खास पहचान बनाई। बिलासपुर जिले की सांस्कृतिक संस्था लोक श्रृंगार भारती के गेड़ी लोक नृत्य दल ने यूनेस्को और संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के आमंत्रण पर 7 से 13 दिसंबर तक आयोजित अंतर्राष्ट्रीय समारोह में शानदार प्रस्तुति दी। इस आयोजन में 180 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।


गेड़ी नर्तकों की साहसिक, ऊर्जावान और भावपूर्ण प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत कलाकारों के प्रदर्शन से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने मंच से “छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया” का नारा दिया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी गेड़ी नृत्य दल को बधाई और शुभकामनाएं दीं।
कार्यक्रम का ऐतिहासिक क्षण तब आया जब दीपावली को यूनेस्को द्वारा विश्व सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी गई। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के गेड़ी नृत्य की विशेष सराहना की गई। मुख्य गायक व नृत्य निर्देशक अनिल गढ़ेवाल के नेतृत्व में दल ने रोमांचक करतब दिखाए, वहीं “काट ले हरियर बांसे” गीत ने विदेशी प्रतिनिधियों को छत्तीसगढ़ी संस्कृति से जोड़ा।


विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, यूनेस्को के महानिदेशक डॉ. खालिद एन. एनानी सहित 180 देशों के प्रतिनिधियों ने कलाकारों के साथ स्मृति चित्र लिए। पारंपरिक वेशभूषा और अनूठे नृत्य के माध्यम से गेड़ी दल ने छत्तीसगढ़ को अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक पहचान दिलाई।