:रामनारायण गौतम:
सक्ती: जेल में विगत 5 वर्षों से जमे हुए हैं सतीश चंद्र भार्गव और लगातार
इनकी मनमानी चलती रहती है कैदी के परिजन मिलने आते हैं.
ऐसे परिजनों को जेलर की सह पर प्रहरियों को बिना कुछ दिए सही तरीके से
मिलने नहीं दिया जाता कभी उन्हें कहा जाता है आपका आधार कार्ड सही नहीं है
जाओ आप अभी नहीं मिल सकते और समय हो गया है जो व्यक्ति उन्हें नजराना पेश करते हैं.

ऐसे व्यक्तियों को अंदर बिठाकर कैदियों से मिलाया जाता है लगातार मिलने जाने वाले परिजन इस बात से हमेशा परेशान रहते हैं विश्वसनीय सूत्र से मिली जानकारी अनुसार जिस युवक की पिटाई सतीश चंद्र उसके टीम के द्वारा किया जा रहा है.
बताया जा रहा है कि वह किसी परिजन से मिलने आते हैं तो हमें बिना जब तक हम कुछ नहीं देते हमें मिलने नहीं दिया जाता और किसी न किसी प्रकार का बहाना बनाया जाता है अगर जेल के सीसीटीवी फुटेज की जांच कराई जाए तो कई तथ्य सामने से उजागर हो सकते हैं कि किस बेदर्दी से इस व्यक्ति को पिट्टा गया है.
नाम नहीं छापने के शर्त पर मिलने जाने वाले एक व्यक्ति मैंने बताया कि युवक परिजन से मिलने की बात कह रहा था परंतु उसे मिलने नहीं दिया जा रहा था जिस पर उसके द्वारा कहा गया कि भाई मैं मिलने आया हूं तो मुझे मिला दीजिए और आप लोग जो पैसा दे रहा है उसे अंदर बैठा कर एक-एक घंटे तक मिला रहे हैं इस बात को सुनते ही मिलाने वाला प्रहरी आवेश में आ गया और उन्होंने जेलर को उसकी जानकारी दी इसके बाद जब उसे कहां गया कि अब तुम्हें जेल के अंदर डालकर सड़ा देंगे परिजन जाने लगा तो उसे दौड़कर सड़क किनारे पकड़ कर मारते-पिटते हुए जेल के अंदर ले जाकर उसे बेदर्दी से मारा गया और उस पर गंभीर आरोप लगाते हुए थाने में अपराध दर्ज कर जेल के अंदर डाल दिया जहां मुझे आवाज उठाने के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है अगर सीसीटीवी फुटेज की जांच हो तो सही तथ्य सामने आ जाएगा और जेलर के किस प्रकार से मनमानी इस जेल में चलती है यह उजागर हो जाएगा इस बात से प्रतीत होता है कि जेलर किस प्रकार से सत्यता की आवाज को दबाने में लगा है