अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस,अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव परवेज़ आलम गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की निंदा की है. उन्होने कहा कि 15 अगस्त के अवसर पर लालकिले पर ध्वजारोहण और पूरा आयोजन भारतीय सेना करती है।
यह परंपरा निर्विवाद रही है और राष्ट्रीय पर्व सदैव दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मनाया जाता रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस परंपरा को तोड़ते हुए अपने संबोधन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रशंसा की, जो निंदनीय है। आलम गांधी ने कहा कि देश के इतिहास में अब तक ऐसा कभी नहीं हुआ। लालकिले पर अब तक 78 बार प्रधानमंत्री ध्वजारोहण कर चुके हैं, जिनमें अटल बिहारी वाजपेयी भी शामिल हैं।

लेकिन जवाहरलाल नेहरू से लेकर डॉ. मनमोहन सिंह तक किसी भी प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर न तो किसी संगठन का महिमा मंडन किया और न ही अपनी पार्टी का नाम लिया। यहां तक कि नरेन्द्र मोदी स्वयं भी 11 बार ध्वजारोहण कर चुके हैं, पर पहले कभी ऐसा नहीं कहा।
परवेज़ आलम गांधी ने कहा कि कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी इस बार लालकिले नहीं गये क्योंकि उन्हें अपमानित किए जाने का भय था। उन्होंने कहा, “पिछली बार उन्हें पीछे की पंक्ति में बैठाकर अपमानित किया गया था।
किसी भी लोकतंत्र में विपक्ष का नेता शैडो प्रधानमंत्री होता है। ऐसे में राहुल गांधी जी का न जाना बिल्कुल उचित है। जहां सम्मान न मिले, वहां उपस्थित होना आवश्यक नहीं।”
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री पर व्यक्तिगत टिप्पणी करते हुए कहा कि श्री मोदी अपने ही बनाए नियमों के दबाव में हैं। अगले माह 75 वर्ष के होने जा रहे प्रधानमंत्री पर संघ द्वारा बनाए गए 75 वर्ष की आयु-सीमा के नियम का पालन कर मार्गदर्शक मंडल में भेजे जाने का दबाव है।
“पद पर बने रहने के लिए ही प्रधानमंत्री हर मर्यादा तोड़ रहे हैं। उन्हें डर है कि कहीं संघ ही उन्हें सेवानिवृत्त होने का आदेश न दे दे। यही कारण है कि वे झूठी प्रशंसा पर उतर आए हैं।”