जीएसटी दर में कमी से जनता की जेब में पैसा जाएगा, खरीदी क्षमता बढ़ेगी: अजय चंद्राकर


भाजपा नेता श्री चंद्राकर ने कहा कि 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू होने से पहले तक भारत में 17 प्रकार के टैक्स और 13 प्रकार के सेस लागू थे। इसके अलावा राज्य सरकारें भी मनमाने ढंग से कभी भी कोई भी कर आरोपित कर देती थी। पिछले वर्ष 12 लाख सालाना की आय पर टैक्स नहीं लागू करने का निर्णय लेने के बाद अब जीएसटी में चार स्लैब के बदले दो ही स्लैब रखने, सभी उपयोगी वस्तुओं पर कर शून्य करने और अनेक उत्पादों में कर 10 प्रतिशत तक कम कर देने से अब वास्तव में भारतीय अर्थव्यवस्था अब जनता के लिए रामराज्य लाने वाला साबित होगा।

श्री चंद्राकर ने कहा कि नए सुधार से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा। रोजमर्रा की अनेक वस्तुएँ, ट्रैक्टर व उसके कलपुर्जे व अन्य कृषि उपकरण तथा व्यक्तिगत स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा, शैक्षणिक वस्तुओं के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक व ऑटोमोबाइल उत्पादों को किफायती बनाया गया है। जीएसटी करदाता 2017 में 66.5 लाख से बढ़कर 2025 में 1.51 करोड़ हो गए हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में सकल जीएसटी संग्रह 22.08 लाख करोड़ रुपये रहा, जो केवल चार वर्षों में दोगुना हो गया है।


इसका लाभ वस्त्र उद्योग को, विशेष रूप से निर्यात के लिए, होगा। हस्तशिल्प की कम दरें कारीगरों की आजीविका को समर्थन देंगी, विरासत को संरक्षित करेंगी और ग्रामीण आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगी। ऑटोमोटिव में स्पष्ट वर्गीकरण से विवाद कम होंगे तथा विनिर्माण और निर्यात में वृद्धि को समर्थन मिलेगा। नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन मिलेगा।

. उन्होंने ने कहा कि यह सुधार किसानों के जीवन में भी आर्थिकी को मजबूती प्रदान करेगा और यह किसान के लिए कम लागत के साथ सक्षम कृषि में सहायक होगी। इसके अलावा अपवाद के रूप में जहां स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले उत्पादों पर 40 प्रतिशत कर आरोपित किया गया है.

वहीं बीड़ी को 18 प्रतिशत के स्लैब में ही रखा गया है। इससे भविष्य में तेंदू पत्ता संग्राहकों को काफी लाभ होगा। जनजातीय क्षेत्र में तेंदू पत्ता जैसे लघु वन्य उत्पादों की मांग अधिक बढ़ेगी, इससे प्रदेश को भी काफी लाभ होगा। श्री चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ को आर्थिक सुधार और शानदार प्रबंधन के लिए केवल प्रोत्साहन राशि के मद में 6200 करोड़ रुपए मिले हैं।

छत्तीसगढ़ की आबादी देश की जनसंख्या का दो प्रतिशत से भी कम है लेकिन इस मद में हमें 41 प्रतिशत का 3.407 प्रतिशत हिस्सा मिलता है। इस वृद्धि के कारण पिछले 10-11 वर्ष में हमें एक लाख करोड़ रुपए से अधिक अतिरिक्त मिले हैं। देश को विकसित बनाने के इस यज्ञ में विपक्ष द्वारा दोहरी राजनीति करना दुखद है। विपक्ष द्वारा यह दुष्प्रचार की इसका अमेरिकन टैरिफ से कोई सम्बंध है, निहायत ही बचकाना और झूठ है। इस सुधार की शुरुआत आज से डेढ़ वर्ष पहले ही हो गई थी। जीएसटी दर में कमी से जनता की जेब में पैसा जाएगा, खरीदी क्षमता बढ़ेगी, देश विकसित होने की दिशा में बढ़ेगा।

भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एजेंडे चुनावी और राजनीतिक एजेंडे से बड़े होते हैं। वह राष्ट्र हित में बड़े-बड़े फैसले लेने की ताकत रखते हैं। कोई भी फैसला होता है तो उसमें टैक्स का बेस बढ़ता है। टैक्स का पैसा या तो सरकार की जेब में जाता है या फिर जनता की जेब में जाता है। सरकार अब अपने जेब में न लेकर जीएसटी में बदलाव करके जनता की जेब में पैसा डाल रही है।

जनता की जेब में पैसा जाने से उनकी खरीदी करने की क्षमता बढ़ती है। श्री चंद्राकर ने कहा कि जीएसटी को राहुल गांधी कभी गब्बर सिंह टैक्स बताते थे। गब्बर सिंह टैक्स प्रणाली तो वह थी जिसे कांग्रेस ने कभी सुधारने की कोशिश नहीं की। पहले टैक्स पर टैक्स लगता था। जीएसटी में एक देश एक कर प्रणाली लाने का काम किया गया। यह प्रणाली जब आज अच्छी हो गई तो इसको दूसरे रूप में रिफार्म करने का काम किया गया है। कोई भी टैक्स देने वाला कंफर्ट जोन में होना चाहिए, यह तय करना सबकी जिम्मेदारी है।

इस मौके पर उपाध्यक्ष रंजना साहू प्रदेश बीजेपी., जिला बीजेपी अध्यक्ष प्रकाश बैंस, जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सर्वा,… चेतन हिंदूजा, नरेंद्र रोहरा विजय मोटवानी सरला जैन, श्यामा साहू कौशल्या देवांगन ही मौजूद रहे।

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