: दिलीप गुप्ता:
सरायपाली :- नगर की 50 वर्षीय कंचन सोनवानी को 11 वर्षो बाद आधार कॉर्ड मिलने से उसकी खुशी का ठिकाना नही था । वह बेहद प्रसन्न थी व सभी सहयोगियों के उसने आभार व्यक्त किया । कंचन सोनवानी को नव पदस्थ एसड़ीएम अनुपमा आनंद द्वारा रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर उसे उपहार के रूप में प्रदान किया गया ।
विदित हो की कंचन सोनवानी, उम्र 50 वर्ष, जिनका आधार कार्ड पिछले 11 वर्षों से नहीं बन पा रहा था, उन्हें अब अंततः अपना आधार कार्ड प्राप्त हो गया है। यह कार्य सरायपाली में आयोजित सुशासन त्यौहार के दौरान प्रारंभहुई प्रक्रिया और सभी संबंधित अधिकारियों के सहयोग से संभव हो पाया।
सुशासन त्यौहार के दौरान कंचन सोनवानी ने अपने आधार नहीं बन पाने हेतु शिकायत पंजीयन करवा था। इस विषय की जानकारी तात्कालिक पार्षद एवं जनप्रतिनिधि स्वर्ण सिंह सलूजा लगातार प्रयास करते रहे जनप्रतिनिधि द्वारा उच्च अधिकारियों तक पहुँचाई गई। इसके पश्चात एसडीएम ऑफिस एवं जनपद सीईओ द्वारा आधार गाइड से चर्चा कर प्रकरण को गंभीरता से लिया गया कंचन सोनवानी द्वारा पूर्व में भी आधार पंजीयन हेतु आवेदन किया गया था, किंतु रसीद उनके पास उपलब्ध नहीं थी।

आधार गाइड ने इस समस्या के समाधान हेतु रायपुर निवासी अपने मित्र से संपर्क कर परामर्श लिया। उनके मित्र ने पूर्व में अपनी माता जी की इसी तरह की समस्या का समाधान हैदराबाद जाकर किया था। उसी प्रक्रिया के अनुसार इस बार भी संपूर्ण पावती एवं दस्तावेजों को एकत्र कर हैदराबाद हेड ऑफिस में प्रस्तुत किया गया। वहाँ जाँच के दौरान यह ज्ञात हुआ कि कंचन सोनवानी का आधार कार्ड वर्ष 2014 में ही बन चुका था, किंतु बार-बार नए आवेदन किए जाने के कारण उनका आवेदन निरस्त हो रहा था।
हेड ऑफिस द्वारा पूर्ण सहायक के साथ पुरानी इनरोलमेंट आईडी प्रदान की गई और उसी के आधार पर उनके आधार कार्ड को पुनः अपडेट कर निकालने की प्रक्रिया बताई गई। अंततः आज कंचन सोनवानी को उनके आधार कार्ड की प्रति एसडीएम सरायपाली के करकमलों से प्रदान की गई।
आधार कार्ड प्राप्त होने पर उनकी आँखों में खुशी के आंसू झलक उठे, क्योंकि आधार कार्ड के अभाव में वे बैंक पासबुक, राशन कार्ड और शासन की जनहित योजनाओं से वंचित थीं। अब उन्हें ये सभी सुविधाएँ प्राप्त हो सकेंगी। इस संपूर्ण प्रक्रिया को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने में एसडीएम सरायपाली, जनपद सीईओ अमित हालदार, ईडीएम भूपेन्द्र अम्बिलकर, एवं आधार गाइड किशोर प्रदीप सतपथी का विशेष योगदान रहा। कंचन सोनवानी ने इन सभी का हृदय से आभार प्रकट किया।