ACB की कार्रवाई… 15 हजार की रिश्वत लेते BMO रंगे हाथों गिरफ्तार

जानकारी के मुताबिक, एसीबी इकाई बिलासपुर ने शुक्रवार (17 अक्टूबर 2025) को यह कार्रवाई की। घटना का खुलासा तब हुआ जब डभरा वार्ड नंबर 12 निवासी उमेश कुमार चंद्रा, जो बीएमओ कार्यालय डभरा में बाबू के पद पर पदस्थ हैं, ने 6 अक्टूबर को एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी।

शिकायत में बताया गया कि यात्रा भत्ता (TA) बिल की ₹81,000 की राशि का भुगतान पहले ही हो चुका है, लेकिन इसके एवज में बीएमओ राजेंद्र पटेल द्वारा ₹32,500 की रिश्वत की मांग की गई थी। इसमें से ₹16,500 पहले ही ले लिए गए थे, जबकि बाकी ₹16,000 की और मांग की जा रही थी। शिकायतकर्ता रिश्वत देने के बजाय आरोपी को रंगे हाथ पकड़वाना चाहता था।

शिकायत की एसीबी द्वारा सत्यापन करने पर मामला सही पाया गया। आगे की बातचीत में आरोपी ने ₹15,000 लेने पर सहमति जताई, जिसके बाद एसीबी ने ट्रैप की योजना बनाई।

आज एसीबी टीम ने शिकायतकर्ता को तय राशि के साथ बीएमओ कार्यालय भेजा, जहां बीएमओ राजेंद्र पटेल ने अपने कार्यालय में ₹15,000 की रिश्वत ली। इसी दौरान एसीबी टीम ने दबिश देकर आरोपी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया और रिश्वत की राशि मौके से बरामद कर ली।

अचानक हुई इस कार्रवाई से डभरा स्वास्थ्य विभाग और आसपास के क्षेत्र में हड़कंप मच गया। फिलहाल आरोपी के खिलाफ धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

एसीबी सूत्रों के अनुसार, भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। उल्लेखनीय है कि पिछले डेढ़ साल में एसीबी बिलासपुर इकाई की यह 35वीं ट्रैप कार्रवाई है, जो विभाग की सक्रियता और सख्त निगरानी का प्रमाण है।

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