AAJ KI JANDHARA : आज की जनधारा मल्टी मिडिया के प्रधान संपादक सुभाष मिश्र की कलम से – दरिंदगी का बढ़ता दायरा

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AAJ KI JANDHARA : आज की जनधारा मल्टी मिडिया के प्रधान संपादक सुभाष मिश्र की कलम से – दरिंदगी का बढ़ता दायरा

 

AAJ KI JANDHARA : कैसे इंसान दरिंदा बनता है इसकी बानगी दिखी मध्यप्रदेश के शहर उज्जैन में, इसे मीडिया के माध्यम से पूरी दुनिया ने देखी.. यहां हाल ही में एक दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया, जिसमें एक 12 साल की बच्ची दुष्कर्म के बाद खून से लथपथ जा रही है. रेप पीड़िता इस बच्ची के साथ किस तरह की दरिंदगी की गई इसका अंदाजा इस वीडियो को देखकर लगाया जा सकता है. इस वारदात के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है.

 

नाबालिग बच्चियों के साथ इस तरह की कई वारदात इन दिनों सामने आ रही है. छत्तीसगढ़ में हाल ही में इस तरह की कई घटनाएं सामने आई, राजधानी रायपुर में भिलाई में 5 साल से कम उम्र की मासूमों के साथ दरिंदगी हुई है. आखिर क्या वजह है जो लोग हैवानियत पर उतारू हैं. आंकड़ों पर गौर करें तो भारत में हर रोज बलात्कार के 87 मामले सामने आते हैं. खास बात है कि अंजान लोगों द्वारा या फिर घर के बाहर होने वाली घटनाओं से ज्यादा, घर में या जान पहचान के लोगों द्वारा यौन प्रताड़ना के मामले यहां ज्यादा है.

AAJ KI JANDHARA : राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो या एनसीआरबी के पूर्व निदेशक शारदा प्रसाद तीन राज्यों राजस्थान, उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में रेप के मामलों में बढ़ोतरी का एक बड़ा कारण समाज में सामंती विचारधारा का होना बताते हैं. पुलिस रिकॉर्ड पर नजर डाला जाए तो हिंदी भाषीय राज्यों में बलात्कार के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं. इन राज्यों में सामंती विचारधारा का मौजूद होना जिसका जिक्र हम पहले कर रहे थे, उसके साथ ही इन राज्यों में बढ़ता नशे का कारोबार भी रेप जैसी घटनाओं के लिए जिम्मेदार है. मध्यप्रदेश के मालवा में ड्रग्स पैडलर्स के बारे में पहले भी कई खबरें आई हैं.

AAJ KI JANDHARA : आंकड़ों पर नजर डाला जाए तो देश के कुछ राज्य ऐसे हैं जहां रेप के मामले बहुत कम हैं जैसे नागालैंड, पुडुचेरी और लक्षद्वीप दरअसल ये ऐसे राज्य हैं जहां का समाजिक ताना-बाना कुछ ऐसा है कि वहां का समाज महिलाओं के प्रति अपराध को स्वीकार नहीं करता. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति इस तरह का अपराध करता है तो समाज उसे सज़ा भी देता है. इन इलाकों में समाज एक बड़ी भूमिका अदा करता है और उसका अपना महत्व है.”

साफ है कि किसी भी अपराध को अगर समाज ही सिरे से खारिज कर दे तो उसके पनपने की गुंजाइश ही बहुत कम है. इस तरह की दरिंदगी बढ़ने के सामाजिक कारणों की पड़ताल में ये बातें सामने आती हैं कि अब समाज में नैतिकता को लेकर कोई प्रेरणा पुरुष अब सामने नहीं है ।पहले राजनीति और धर्म में ऐसे प्रेरणा पुरुष थे जहाँ व्यक्ति अनैतिक होने से डरता था । इसके अलावा नशे का बढ़ता अवैध व्यापार , बेरोजगारी, आर्थिक अभाव आर्थिक कुंठाएँ , यह सब अपराध के लिए उकसाती हैं और बलात्कार इसमें इसलिए आसान लगता है क्योंकि कमजोर पर आक्रमण करके उसे पर विजय पाना आसान है। एक हताश और पराजित पुरुष इसी में अपनी विजय देखता है।

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इसके अलावा ये बात भी सामने आती है कि अपराधियों को जिस तरह से ग्लैमराइज़ किया गया है ,व्यक्ति उसी में अपने लिए प्रेरणा तलाशता है। पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा रेप साउथ अफ्रीका में होते हैं। इस देश में साल में करीब 5 लाख महिलाओं के साथ बलात्कार किया जाता है। देश के मेडिकल रिसर्च काउंसिल द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, यहां की 40% महिलाएं एक से ज्यादा बार बलात्कार का शिकार होती हैं। यहां 41% बच्चे रेप पीड़ित हैं। यानि बलात्कार जैसी हिंसा सिर्फ हमारे देश की समस्या नहीं है बल्कि दुनिया के कई देश इस मानसिक कुंठा से गुजर रहे हैं. भारत जैसे देश में जहां बेहद आसानी से लोग अपने आस पास रिश्ते कायम करते हैं वहां बच्चों के साथ रेप की घटना व्यस्कों के साथ होने वाली घटना से ज्यादा है. बाल यौन शोषण के ज्यादातर मामले रिश्तों के आड़ में होते हैं इसलिए हमें ज्यादा सतर्क होने की जरूरत है.

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