Aadarsh aachaar sanhita भानुप्रतापपुर उपचुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता शनिवार से लागू

Aadarsh aachaar sanhita

Aadarsh aachaar sanhita 05 दिसम्बर को मतदान और 08 दिसम्बर को होगे परिणाम घोषित 

सावित्री मंडावी के इस्तीफे से कांग्रेस के उम्मीदवार का रास्ता साफ

Aadarsh aachaar sanhita चारामा ! भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक व छत्तीसगढ़ विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी के 16 अक्टूबर के आकस्मिक निधन के बाद रिक्त विधायक सीट पर उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग के द्वारा चुनावों के तारीखों का ऐलान कर दिया है। जिसके साथ ही क्षेत्र मे आदर्श आचार संहिता लागु हो गई है। जिसके साथ ही चुनावी सरगर्मिया भी इस ठंड में तेज होने लगी है।

Aadarsh aachaar sanhita जिसके तहत 10 नवम्बर से 17 नवम्बर तक पार्टियों के प्रत्याशियो का नामांकन भरा जायेगा नामांकन की जॉच 18 नवम्बर उम्मीदवारों के नाम वापसी के लिए अतिम तिथि 21 नवम्बर होगी। जिसके बाद मतदान 05 दिसम्बर को होगा और मतगणना 8 दिसम्बर को होगी। तारीखों के ऐलान के साथ ही पार्टियों में प्रत्याशियो के नाम को लेकर माथा पच्ची और प्रत्योशियो की अपने पार्टी के उच्च नेताओ के समझा जोर आजमाईश भी शुरू हो गई है।

Aadarsh aachaar sanhita पूर्व विधायक मनोज सिंह मंडावी की धर्मपत्नी सावित्री मंडावी के अपने वर्तमान सरकारी नौकरी के पद से अचानक इस्तीफा दिए जाने से कहीं ना कहीं उनके द्वारा कांग्रेश की ओर से इस सीट पर चुनाव लड़ने की मंशा स्पष्ट हुई है,लेकिन पार्टी के एलान तक यह कहना उचित नहीं होगा। हालाकि भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पिछले 02 चुनाव से कांग्रेस की सीट रही है।

Aadarsh aachaar sanhita उसके पहले दो बार भाजपा के विधायक सीट जीतने में कामियाब रहे। लेकिन विधायक मनोज मडावी के निधन के बाद से कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले भानुप्रतापपुर विधानसभा की स्थिति को एक तरफा समझ पाना आसान नही है। आचार संहिता लगने के पहले से ही दोनो पाटियो मे उम्मीदवारों के नाम सामने आने लगे थे। लेकिन अभी तक किसी भी पार्टी का सही रूझान समझ नही आ रहा है।

दिलचस्प बात यह है कि हर विधानसभा में कांग्रेस भाजपा के साथ साथ अन्य कई निर्दलीय पार्टियों से प्रत्याशी चुनाव के मैदान में उतरा करते थे लेकिन इस बार पुरे भारत में बड़ी पार्टी बनकर सामने आ रही आम आदमी पार्टी भी मुकाबले में भाग ले रही है। हालाकि अभी मानुप्रतापपुर में मुख्य दल भाजपा कांग्रेस रहने की ही उम्मीद है।

Aadarsh aachaar sanhita लेकिन किस नाम पर मोहर लगेगी। इस पर अभी कुछ कहना सिर्फ हवा हवाई होगा। जब तक पार्टियो खुद ही आगे आकर उम्मीदवारो के नाम की घोषणा न कर दे। लेकिन इस बार से इंकार नही किया जा सकता है कि पूर्व विधायक स्वं मनोज सिंह मंडावी ने इस क्षेत्र में जितना अधिक विकास किया है, विकास के लिए हर संभव कार्य किया है।

ग्राम पंचायतो के अलावा नगर पंचायत क्षेत्रो मे जो करोड़ो करोड़ो रूपये की सौगात जाते जाते दी है। और आदिवासी समाज सहित उनकी दंबगता और मिलनसार व्यवहार को क्षेत्र का कोई भी व्यक्ति अपने मन से उतार नही पा रहा है। ऐसे में कांग्रेस को अभी इस सीट से हटाने के लिए भाजपा को अपनी क्षमता से भी ज्यादा ताकत झोकनी पडेगी।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU