ऑनलाइन गेमिंग और सट्टा के खिलाफ सरकार की सख्ती के बीच देशभर में चर्चित महादेव सट्टा ऐप मामले में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। छत्तीसगढ़ से सामने आई बड़ी खबर के मुताबिक, इस बहुचर्चित घोटाले के मुख्य आरोपी सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने गिरफ्तारी वारंट को रद्द करने के लिए कोर्ट में अर्जी दायर की है।

3 महीने में खुद पेश होने की पेशकश
दोनों आरोपियों ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की विशेष अदालत में अर्जी दाखिल करते हुए कोर्ट से अनुरोध किया है कि उनके गिरफ्तारी वारंट को रद्द किया जाए, और उन्हें तीन महीने की मोहलत दी जाए, ताकि वे स्वेच्छा से भारत लौटकर कोर्ट में पेश हो सकें।
यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है, जब केंद्र सरकार ने ऑनलाइन सट्टा और गेमिंग ऐप्स पर कड़ा रुख अपनाया है, और महादेव ऐप को लेकर ईडी, सीबीआई और अन्य एजेंसियों की तफ्तीश लगातार तेज हो रही है
ED की नजर में सौरभ चंद्राकर
बताया जा रहा है कि दुबई में बैठकर महादेव ऐप का संचालन करने वाले सौरभ चंद्राकर अब भारतीय एजेंसियों के शिकंजे में फंसते नजर आ रहे हैं। दुबई से लेकर लंदन तक चल रहे फंड ट्रांजेक्शंस की जांच कर रही ईडी को सौरभ और रवि के खिलाफ कई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के सबूत मिले हैं।
3 नवंबर को आएगा बड़ा फैसला
अब सभी की नजरें 3 नवंबर 2025 पर टिकी हैं, जब ईडी की विशेष अदालत में इस अर्जी पर सुनवाई होगी और गिरफ्तारी वारंट रद्द करने या बरकरार रखने को लेकर बड़ा फैसला सुनाया जाएगा। अगर कोर्ट वारंट रद्द नहीं करती है, तो दोनों आरोपियों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस और इंटरपोल के जरिए दबाव बढ़ाया जा सकता है।
पृष्ठभूमि: क्या है महादेव सट्टा ऐप घोटाला?
महादेव सट्टा ऐप एक बड़े ऑनलाइन सट्टा रैकेट के रूप में सामने आया है, जिसके माध्यम से करोड़ों रुपये की अवैध कमाई, हवाला लेन-देन और मनी लॉन्ड्रिंग की गई। इस ऐप के जरिए देशभर में ऑनलाइन सट्टा और जुए को बढ़ावा दिया गया। ईडी ने पहले ही इस केस में कई सेलिब्रिटी प्रमोशन, हवाला चैनल और राजनीतिक संबंधों की जांच शुरू की है।