कामरूप एक्सप्रेस के सामने अचानक आया 60 हाथियों का झुंड, लोको पायलट की सूझबूझ से बची जान…

असम के हवाईपुर और लामसाखांग स्टेशनों के बीच 16 अक्टूबर की रात को एक बड़ा हादसा टल गया जब कामरूप एक्सप्रेस के लोको पायलट ने समय रहते ट्रेन रोक दी। ट्रेन गुवाहाटी से लामडिंग जा रही थी, उसी समय लगभग 60 जंगली हाथियों का एक बड़ा झुंड रेलवे ट्रैक पार कर रहा था।
घटना रात करीब 8:37 बजे हुई जब ट्रेन के ड्राइवर जेडी दास और सहायक ड्राइवर उमेश कुमार ने हाथियों को ट्रैक पर देखा। उन्होंने तुरंत आपातकालीन ब्रेक लगाए और ट्रेन रोक दी, जिससे हाथियों की जान बच गई। हाथियों को ट्रेन से लगभग 100 मीटर आगे ट्रैक पार करते हुए देखा गया। इस बीच, यात्री भी ट्रेन के अंदर से हाथियों को गुजरते हुए देखते रहे।
हाथियों की इस गतिविधि का पता लगाने के लिए पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे द्वारा लगाए गए एआई-आधारित घुसपैठ पहचान प्रणाली (IDS) ने अहम भूमिका निभाई। इस सिस्टम की मदद से ट्रेन के पायलटों को हाथियों के ट्रैक पर होने की जानकारी पहले ही मिल गई थी, जिससे एक बड़ी दुर्घटना को टालने में मदद मिली।
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने बताया कि साल 2023 में अब तक 414 हाथियों को सुरक्षित रूप से रेलवे ट्रैक से बचाया गया है, और 16 अक्टूबर 2024 तक 383 हाथियों को सुरक्षित किया जा चुका है। यह सिस्टम वन्यजीव संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।
ट्रेन चालक दल की सूझबूझ और सतर्कता ने इस घटना में एक बड़ा हादसा टाल दिया, और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

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