भुवनेश्वर प्रसाद साहू
kasdol latest news संवाददाता ने विभागीय अफसरों व बलौदाबाजार जिलाधीश को लिखा था पत्र
दोनों महिला पर्यवेक्षकों ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं से लिखवा लिया था पत्र अपने पक्ष में !
नहीं हुई कार्यवाही अब तक
kasdol latest news कसडोल ! बलौदाबाजार जिला कसडोल नगर पंचायत में महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों का रोग अब महिला पर्यवेक्षकों को भी लग चुका है !
kasdol latest news कहने का तात्पर्य यह है कि अभी तक हम देखते आ रहे थे कि महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा महिला पर्यवेक्षकों को लगातार किसी ना किसी बहाने से प्रताड़ित किया जाता रहा है ! गुमनाम शिकायती पत्र के आधार पर महिला पर्यवेक्षकों का सुदूर इलाके में ट्रांसफर करवा दिया जाता है ! कुछ दिनों पूर्व ही इसी तरह का एक गुमनाम शिकायती पत्र इस दैनिक समाचार पत्र के संवाददाता को भी मिला है जो कि गिरौदपुरी , कटगी , सर्वा , छरछेद सेक्टर के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं द्वारा लिखा गया है !
इस दैनिक समाचार पत्र संवाददाता को गुमनाम पत्र के द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं द्वारा अपनी पीड़ा व्यथा लिखकर बतलाई गई है !
हम सभी बहनें , महिला बाल विकास विभाग बलौदाबाजार जिला कसडोल परियोजना के गिरौदपुरी , कटगी , सर्वा तथा छरछेद की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एवं समूह वाली हैं !
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हम सभी बहनें बहुत ही त्रस्त एवं परेशान होकर यह पत्र लिखने के लिए मजबूर हुई हैं क्योंकि हमारे सेक्टर की महिला पर्यवेक्षक ( कटगी एवं गिरौदपुरी की ) लक्ष्मी साहू एवं ( सर्वा व छरछेद की ) मुनिया वर्मा द्वारा हमें लगातार प्रताड़ित कर हमसे प्रतिमाह रुपए की वसूली की जाती है !
इन दोनों ही महिला पर्यवेक्षकों द्वारा प्रतिमाह 500 रूपये देने के लिए दबाव डाला जाता है और कहा जाता है कि सरकार ने तुम्हारा वेतन बढ़ा दिया है तो इतना तो दे ही सकती हो !
आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए जारी चांवल कूपन के लिए प्रति किलोग्राम ₹1 की मांग की जाती है अर्थात अगर आंगनबाड़ी केंद्र को 100 किलो चावल मिलना है तो 100 रूपये प्रति आंगनबाड़ी केंद्र से मांग की जाती है !
आंगनबाड़ी केंद्र के लिए शासन की तरफ से जो भी सामग्री जैसे अलमारी / कुर्सी / टेबल / खिलौने आते हैं , उसके लिए भी रुपयों की मांग की जाती है !
आंगनबाड़ी में समूह की महिलाओं द्वारा कुछ दिनों पूर्व मूंगफली से बनी हुई चिक्की की सप्लाई की जा रही थी , उनसे भी इनके द्वारा रुपए लिए गए !
विभिन्न दैनिक समाचार पत्र के संवाददाताओं को भी हमारे द्वारा सूचित किया गया और बलौदाबाजार जिला के पूर्व जिलाधीश रजत बंसल से भी शिकायत की गई थी पर हमें दबाव डालकर इस तरह की शिकायत नहीं की गई है , ऐसा पत्र लिखा कर ले लिया गया !
इन दोनों ही महिला पर्यवेक्षकों को कसडोल परियोजना में कार्यरत लगभग 10 से 15 वर्ष हो गए हैं इसलिए यह कहती है कि कोई भी हमारा ट्रांसफर नहीं कर सकता ! क्योंकि हम सभी बहनें मिलकर यह पत्र लिख रही हैं इसलिए हम अपना नाम लिखकर महिला पर्यवेक्षकों की नजर में नहीं आना चाहती , इसलिए अपने नाम का उल्लेख नहीं कर रही हैं !
आपसे विनम्र निवेदन है कि हमें लगातार प्रताड़ित होने से इन दोनों महिला पर्यवेक्षकों से बचाएं और उचित कार्रवाई करें !
अब देखना यह है कि इस गुमनाम शिकायती पत्र पर महिला बाल विकास विभाग के विभागीय मंत्री जी व जिम्मेदार अधिकारी द्वारा कसडोल परियोजना के इन दोनों महिला पर्यवेक्षकों लक्ष्मी साहू व मुनिया वर्मा पर कब विभागीय कार्रवाई की जाती है !