बदलेगा सरकारी राशन की दुकान का पूरा सिस्टम…
सरकार राशन दुकानों के पूरे सिस्टम बदलने के विषय मे विचार कर रही है
राशन दुकानों के पूरे सिस्टम बदलने के विषय मे विचार कर रही है यदि आप भी राशन दुकान से सस्ते गल्ले का राशन लेते हैं तो यह आपके काम की खबर है।
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दरअसल, सरकार Ration की दुकानों में सीसीटीवी से निगरानी करने की योजना बना रही है ताकि व्यवस्था दुरुस्त रहे।
सरकार द्वारा हेल्पलाइन नंबर की व्यवस्था में भी पहले से सुधार करने की उम्मीद जताई जा रही है। संसद समिति ने इस बारे में सिफारिश की है।
(recommendation to strengthen the system)व्यवस्था सुदृढ़ करने की सिफारिश
दरअसल, संसद की एक स्थायी समिति ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लाभार्थियों की शिकायतों के समाधान के लिये ‘help line number’ सिस्टम को बेहतर करने और राशन की दुकानों से सामानों के वितरण व कालाबाजारी पर नजर रखने के लिये सीसीटीवी कैमरे लगाने की सिफारिश की है।
खाद्य और उपभोक्ता मामलों व जन वितरण पर संसद की स्थायी समिति ने यह भी सिफारिश की है कि सरकार को सस्ते गल्ले की दुकानों पर नजर रखने के लिये स्वतंत्र रूप से औचक निरीक्षण की व्यवस्था करनी चाहिए।
New Ration Shop System 2022 :खराब गुणवत्ता को लेकर मिल रही थी शिकायतें
समिति ने 19 जुलाई को संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘एफसीआई के गोदामों में अनाज भंडार के संयुक्त परीक्षण और खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग
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में गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ की मौजूदगी के बावजूद लाभार्थियों की तरफ से अनाज की खराब गुणवत्ता को लेकर नाराजगी मिली हैं.
report के अनुसार, यह कुछ बिचौलियों की करतूत हो सकती है। ऐसे लोग अच्छी गुणवत्ता वाले खाद्यान्नों Ration को राशन की दुकानों की जगह ‘दूसरी जगह’ पहुंचाते हैं
और गरीबों को निम्न गुणवत्ता का राशन मिलता है। इसमें कहा गया है कि कभी-कभी लाभार्थी अपनी शिकायतें संबंधित agency तक नहीं पहुंचा पाते।
(officer not picking up the call ) कॉल नहीं उठाते अधिकारी
समिति ने कहा कि विभिन्न राज्यों में टेलीफोन नंबर 1967 और 1800 के जरिये 24 घंटे काम करने वाली शिकायत निवारण व्यवस्था है।
लेकिन यह लाभार्थियों की रोजाना की समस्याओं के समधान में मददगार नहीं हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘..हर कोई जानता है कि ये टोल फ्री नंबर लाभार्थियों की जरूरतों के अनुसार कारगर नहीं हैं और ज्यादतार समय संबंधित अधिकारी कॉल उठाते ही नहीं.’
समिति ने कहा कि इन ‘हेल्पलाइन नंबर’ के उचित तरीके से काम करने से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और सार्वजनिक जवाबदेही बढ़ेगी।
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राज्य सरकारों को इस हेल्पलाइन नंबर को सुदृढ़ करना चाहिए और राशन दुकानों पर नजर रखने को सीसीटीवी कैमरे लगाने चाहिए।
रिपोर्ट में गुणवत्ता मुद्दे के समाधान और नियंत्रण के लिये व्यापक स्तर पर गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ स्थापित करने की भी सिफारिश की गई है।