महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिला मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय सांसद खेल महोत्सव अव्यवस्थाओं के चलते सवालों के घेरे में आ गया। खेलों के लिए दूर-दराज से पहुंचे सैकड़ों खिलाड़ी भोजन के इंतजार में घंटों भटकते रहे। हालात ऐसे बने कि खिलाड़ी हाथों में पत्तल लेकर मंच के सामने विरोध जताने को मजबूर हो गए, जबकि आयोजन से जुड़े जिम्मेदार अधिकारी मौके से नदारद नजर आए।
करीब 1155 खिलाड़ियों के लिए भोजन व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। आयोजन से पहले ही प्रशासन को यह जानकारी थी कि महासमुंद लोकसभा की 8 विधानसभा क्षेत्रों से खिलाड़ी पहुंचेंगे, इसके बावजूद भोजन की सही संख्या तक का आकलन नहीं किया गया। हंगामे के बाद शाम करीब 5 बजे तक पांच चरणों में भोजन परोसा जा सका।

शुभारंभ में देरी, बिजली गुल तो कचरा गाड़ी का माइक बना सहारा
जिला प्रशासन, खेल विभाग और शिक्षा विभाग के संयुक्त आयोजन में वन विभाग के खेल मैदान को स्थल बनाया गया था। कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह 11 बजे तय था, लेकिन अव्यवस्था के चलते दोपहर बाद ही इसकी शुरुआत हो सकी। करीब एक बजे सांसद रूपकुमारी चौधरी ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
इस दौरान बिजली की व्यवस्था भी नाकाम रही। मंच संचालन के लिए मजबूरी में कचरा संग्रहण वाहन में लगे माइक का इस्तेमाल करना पड़ा। सांसद का कार्यक्रम करीब डेढ़ घंटे तक चला, जिसके बाद केवल 100 मीटर दौड़ का आयोजन किया जा सका।

अधिकारियों के जाते ही बिगड़ी व्यवस्था, भोजन के लिए मचा हंगामा
सांसद के कार्यक्रम के समापन के साथ ही कई जिम्मेदार अधिकारी भी मैदान छोड़कर चले गए। इसके बाद करीब साढ़े तीन बजे भोजन वितरण शुरू हुआ, लेकिन मात्र 200-300 खिलाड़ियों को ही खाना मिल सका। भोजन खत्म होते ही खिलाड़ियों, कोच और निर्णायकों में नाराजगी फैल गई।
कुरूद विधानसभा से आए खिलाड़ियों ने भोजन के लिए दी गई पत्तल हाथ में लेकर विरोध जताया। खिलाड़ियों का आरोप है कि प्रशासन को पहले से संख्या पता होने के बावजूद भोजन व्यवस्था पूरी तरह फेल रही।
ठेले पर नाश्ता खरीदने को मजबूर खिलाड़ी
भूख से परेशान कई खिलाड़ियों ने मैदान के पास लगे ठेले से अपने पैसे खर्च कर नाश्ता किया। पहले से घोषित महासमुंद बंद के चलते शहर की दुकानें बंद थीं, जिससे बाहर से आए खिलाड़ियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। विरोध बढ़ने के बाद प्रशासन ने शाम तक पांच बार में भोजन तैयार कर खिलाड़ियों को खिलाया।

खेल ठप, सिर्फ 100 मीटर दौड़ ही हो सकी
खिलाड़ियों का कहना है कि अव्यवस्था के कारण वे वार्ड नंबर एक, शंकर नगर में चल रहे भंडारे में भोजन करने जाने को मजबूर हुए। पूरे दिन की बदहाल व्यवस्था के चलते 100 मीटर दौड़ के अलावा कोई भी खेल प्रतियोगिता आयोजित नहीं हो सकी।
जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डालते रहे विभाग
बीईओ लीलाधर सिन्हा ने बताया कि आयोजन की जिम्मेदारी अलग-अलग विभागों को सौंपी गई थी। खाद्य सामग्री की जिम्मेदारी खाद्य विभाग और भोजन व्यवस्था की जिम्मेदारी आदिम जाति कल्याण विभाग को दी गई थी। वहीं सांसद रूपकुमारी चौधरी से संपर्क करने पर उनके पीए ने बताया कि वे बैठक में व्यस्त हैं।