रायपुर । भारत सरकार द्वारा लागू की जा रही श्रम सुधार योजनाओं और श्रम संहिताओं की जानकारी श्रमिकों, नियोक्ताओं और आमजन तक प्रभावी ढंग से पहुंचे, इसी उद्देश्य से पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) द्वारा सोमवार को रायपुर में एक मीडिया वार्ता का आयोजन किया गया।

सिविल लाइन स्थित सर्किट हाउस के सभागार में आयोजित इस संवाद कार्यक्रम में श्रम विभाग, ईपीएफओ और ईएसआईसी के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। कार्यक्रम में श्रम विभाग के क्षेत्रीय श्रमायुक्त अंकुर शर्मा, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के आयुक्त गौरव डोंगरा तथा कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के उप निदेशक धीरेन्द्र पटनायक ने श्रम सुधारों से जुड़ी विभिन्न योजनाओं और प्रावधानों पर विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम की शुरुआत पीआईबी के सहायक निदेशक रमेश जायभाये द्वारा अतिथियों के परिचय के साथ की गई।



मीडिया वार्ता को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय श्रमायुक्त अंकुर शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा चार श्रम संहिताओं वेतन संहिता, औद्योगिक संबंध संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य दशा संहिता के माध्यम से श्रमिकों के अधिकारों को सरल, पारदर्शी और सशक्त बनाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने बताया कि इन संहिताओं से श्रमिकों को समय पर वेतन, सुरक्षित कार्यस्थल और सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा, वहीं उद्योगों के लिए अनुपालन प्रक्रिया भी आसान होगी।
ईपीएफओ आयुक्त गौरव डोंगरा ने भविष्य निधि से जुड़े प्रावधानों की जानकारी देते हुए कहा कि डिजिटलीकरण के माध्यम से अब ईपीएफ सेवाएं पहले से कहीं अधिक सरल और पारदर्शी हो गई हैं। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) के जरिए श्रमिक अपने पीएफ खाते की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं, क्लेम की स्थिति देख सकते हैं और समय पर लाभ ले सकते हैं। इससे संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के श्रमिकों को बड़ी राहत मिली है।

ईएसआईसी के उप निदेशक धीरेन्द्र पटनायक ने कर्मचारी राज्य बीमा योजना की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह योजना न केवल श्रमिकों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि उनके परिवारों को भी चिकित्सा लाभ, मातृत्व लाभ और दुर्घटना की स्थिति में आर्थिक सहायता उपलब्ध कराती है। उन्होंने बताया कि ईएसआईसी नेटवर्क का विस्तार लगातार किया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक श्रमिकों को इसका लाभ मिल सके। कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों ने मीडिया प्रतिनिधियों के प्रश्नों का भी उत्तर दिया और श्रम सुधारों को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर किया। उन्होंने कहा कि मीडिया के सहयोग से इन योजनाओं की सही जानकारी आमजन तक पहुंचेगी और श्रमिक व उद्यमी दोनों ही सरकार की नीतियों का अधिकतम लाभ उठा सकेंगे।