रायपुर। आदर्श महाविद्यालय में “आईकेएस (भारतीय ज्ञान परंपरा) और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का समन्वय: समग्र एवं परिवर्तनकारी उच्च शिक्षा की दिशा में मार्ग” विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का शुक्रवार को शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम में बाल आयोग अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं।

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. वर्णिका शर्मा ने कहा कि ज्ञान में जितनी गहराई होगी, समाज में व्यक्ति उतना ही अधिक निखरेगा। उन्होंने युवाओं से भारतीय ज्ञान परंपरा को केवल पुस्तकीय अध्ययन तक सीमित न रखते हुए उसे व्यवहार, कौशल और संवेदनशीलता से जोड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और तकनीक के वर्तमान दौर में भी भारतीय ज्ञान प्रणाली की प्रासंगिकता बनी हुई है, क्योंकि यह केवल रोजगार नहीं बल्कि सशक्त और संतुलित व्यक्तित्व का निर्माण करती है।

डॉ. शर्मा ने बाल आयोग द्वारा हाल ही में संचालित “रक्षक पाठ्यक्रम” का उल्लेख करते हुए बताया कि इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने के साथ-साथ भावनात्मक और नैतिक रूप से भी मजबूत करना है, ताकि वे मूल्यों के साथ आगे बढ़ सकें और दिशाहीन न हों।

कार्यक्रम में आदर्श महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉ. विजय सक्सेना, प्राचार्य डॉ. बरनाली रॉय, डॉ. दिव्या शर्मा, रविशंकर विश्वविद्यालय के डीन डॉ. राजीव चौधरी और कोलंबिया कॉलेज की उप-प्राचार्य डॉ. आभा दुबे सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। अतिथियों ने महाविद्यालय की पुस्तक का विमोचन भी किया।
दो दिवसीय सेमिनार के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय से आए प्रोफेसर विभिन्न तकनीकी सत्रों में व्याख्यान देंगे। प्रत्येक सत्र के बाद शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। मंच संचालन डॉ. रोली तिवारी और भावना क्षत्रिय ने किया। कार्यक्रम में नर्सिंग कॉलेज के विद्यार्थी और शिक्षक बड़ी संख्या में मौजूद रहे।