:दिलीप गुप्ता:
सरायपाली – अंतत क्षतिग्रस्त नाली को 3 महीने बना ही लिया गया,
पर ध्यान रहे इस क्षतिग्रस्त नाली
की मरम्मत नगरपालिका या ठेकेदार के द्वारा नहीं बल्कि प्रभावित
त्रस्त नगरवासियों व व्यापारियों ने मिलकर स्वयं के खर्च से किया.
क्षतिग्रस्त नाली से आ रही दिक्कतों को देखते उन्हें यह कदम उठाना पड़ा । ऐसा लगता है
अब अपनी सुविधा के लिए सभी व्यवसायियों को स्वयं यह कार्य करना पड़ेगा ।
वर्षों प्रतीक्षा के बाद अंततः नगर को गौरवपथ वी नाली निर्माण की शौगत मिली थी किंतु ऊंचे कमीशन के लालच में गौरवपथ वी नाली का निर्माण निहायत ही घटिया स्तर वी गुणवत्ता विहीन बनाए जाने के कारण आए दिनों इन नालियों के ऊपर से हल्के व थोड़े भारी वाहनों के वजनो का का भी भार उठाने में ये नालियां सक्षम नहीं है जिससे पिछले कई दिनों से अनेक वाहनों को इन नालियों में फसते देखा गया है। सबसे विडंबना यह है कि नालियों के डेमेज होने के महीनों बाद भी नगरपालिका व संबंधित ठेकेदार द्वारा महीनों बीत जाने के बाद भी नालियों की मरम्मत कर निर्माण नहीं किया जाता

।महीनों पहले जिस स्थिति में नाली क्षतिग्रस्त हुई थी वह आज भी उसी स्थिति में है । इन क्षतिग्रस्त नालियों के पास न कोई सुरक्षा बोर्ड लगाया गया है और न ही उसे सुरक्षित रूप से रखा गया है । आज भी नगर में अनेक स्थानों पर क्षतिग्रस्त व टुटी फुटी नालियां वैसे ही खुली पड़ी है । यह नालियां दुर्घटनाओं को आमंत्रित के रही है तो वहीं कभी भी इस नालियों से फिर कोई नुकसान संभावित है ।
ज्ञातव हो कि नगर में गौरवपथ निर्माण के साथ ही नाली का भी निर्माण किया गया था । नगरपालिका की लापरवाही व इतने बड़े प्रोजेक्ट की नगरपालिका द्वारा किसी तरह की मानिटरिंग नहीं किए जाने से नाली निर्माण में अनेक शिकायतें प्रारंभ से ही की जा रही थी ।

किंतु कमीशन के लालच के चलते नगरपालिका की लापरवाही कई बार सामने आई । इसके घटिया निर्माण की शिकायत वी समाचारों का प्रकाशन ” आज की जनधारा ” द्वारा कई बार प्रशासन का ध्यान भी आकर्षित कराया गया था । वहीं गौरवपथ वी नाली निर्माण में बढ़ती जा रही लापरवाही व भ्रष्टाचार के खिलाफ विधायक चातुरी नंद के नेतृत्व में कांग्रेसज नों द्वारा धारणा प्रदर्शन भी किया गया था । लगातार समाचार प्रकाशन के चलते जांच में अनियमितता पाए जाने के बाद तत्कालीन उप अभियंता व बाद में तत्कालीन सीएमओ को निलंबित भी किया गया था किंतु इतनी बड़ी कार्यवाही होने के बाद नगरपालिका के कार्यशैली में कोई खास परिवर्तन नहीं आया ।
नगर में निर्माणाधीन नाली का पाटा ऊपरी हिस्सा कई जगहों पर टूट गया है । जिसे महीनों बाद भी नहीं बनाया गया । विगत 13/8/25 को सोहनलाल मोतीलाल पेट्रोल पंप के सामने निर्मित नाली में एक ट्रक का पहिया पूरा नाली धंस गया जिसे बड़ी मुश्किल से जेसीबी के सहयोग से निकाला गया । यह क्षतिग्रस्त नाली आज 4 महीने बाद भी वैसे ही क्षतिग्रस्त हालत में पड़ी है । इसी तरह 8 सितंबर को पीहू डेलीनिड्स के सामने एक हल्के वाहन से घटिया नाली निर्माण के चलते सुबह वाहन का चक्का नाली में धंस गया था ।

इस नाली को ठीक किए जाने हेतु अनेकों बार सीएमओ व ठेकेदार से अनुरोध किया गया पर 3 माह बाद भी क्षतिग्रस्त नाली की मरम्मत नहीं की गई । 2 महीने पहले सीमेंट का प्लेट लाकर नाली के ऊपर रख दिया गया पर नाली के ऊपर रख दिए जाने से बहुत ही अधिक असुविधाओं को देखते हुवे आज स्वयं प्रभावित व्यापारियों ने अपने खर्च पर नाली को ठीक के सुगम यातायात के लिए तैयार किया गया ।
इसी यह बस स्टैंड के पास क्षीरसागर , डिमार्ट , खान पेट्रोल पंप के आगे इस तरह अनेकों जगहों पर खुले नालियों को न ढका गया है न हो मरम्मत किया गया है ।
नगरपालिका को चाहिए कि वह इन खुले व क्षतिग्रस्त नालियों की तुरंत मरम्मत के संभावित दुर्घटनाओं से बचने का प्रयास किया जाना चाहिए ।
