शराब घोटाला : चैतन्य बघेल की जमानत याचिका पर हुई सुनवाई, हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला…

बिलासपुर। शराब घोटाले से जुड़े मामले में जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल की जमानत याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। ईडी की ओर से दलीलें पूर्ण होने के बाद अदालत ने अपना फैसला आरक्षित कर लिया। सुनवाई जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की एकल पीठ में हुई।

याचिका में तर्क दिया गया कि ट्रायल में हो रही देरी और शराब घोटाले में चैतन्य बघेल की भूमिका स्पष्ट न होने के कारण उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। कोर्ट में यह भी कहा गया कि मामला एक 4 अक्टूबर के बयान के आधार पर दर्ज किया गया, जिसमें बताए गए 2 करोड़ रुपये के लेन-देन को कहीं भी शराब घोटाले से जुड़ा हुआ साबित नहीं किया गया है। दोनों पक्षों की बहस समाप्त होने पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता और प्रतिवादी को रिटर्न सबमिशन दाखिल करने का निर्देश दिया और तत्पश्चात आदेश सुरक्षित रख लिया।

जन्मदिन पर ईडी किया था चैतन्य को गिरफ्तार
ईडी ने चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन के दिन 18 जुलाई को भिलाई स्थित आवास से गिरफ्तार किया था। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई। शराब घोटाले की जांच, एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर, भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के प्रावधानों के तहत शुरू हुई थी। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि इस घोटाले से राज्य को भारी आर्थिक क्षति हुई और करीब 2,500 करोड़ रुपये की अवैध आय (POC) लाभार्थियों तक पहुंचाई गई।

चैतन्य को शराब घोटाले में 16.70 करोड़ रुपये मिलने का दावा
ईडी की जांच रिपोर्ट में उल्लेख है कि चैतन्य बघेल को शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये नकद प्राप्त हुए, जिन्हें उन्होंने अपनी रियल एस्टेट कंपनियों के माध्यम से लगाया। बताया गया कि यह रकम ठेकेदारों को नकद भुगतान और बैंक प्रविष्टियों के जरिए उपयोग में लाई गई। ईडी ने यह भी कहा कि चैतन्य ने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर ऐसी योजना बनाई, जिसके तहत ढिल्लों के कर्मचारियों के नाम पर उनके “विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट” में फ्लैट खरीदे दिखाकर 5 करोड़ रुपये अप्रत्यक्ष रूप से हासिल किए गए। बैंकिंग ट्रेल से पता चलता है कि संबंधित अवधि में त्रिलोक सिंह ढिल्लों के खातों में शराब सिंडिकेट से भुगतान पहुंचे।

शराब घोटाले में ईडी अब तक पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, आईटीएस अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी और पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक कवासी लखमा सहित कई बड़े नामों को गिरफ्तार कर चुकी है। मामला अभी भी जांच के अधीन है।

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