केंद्र सरकार ने देश में बिकने वाले सभी स्मार्टफोन्स पर ‘संचार साथी’ (Sanchar Saathi) साइबर सुरक्षा ऐप को प्री-इंस्टॉल करने की अनिवार्यता को वापस ले लिया है।
सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह निर्देश सभी स्मार्टफोन निर्माताओं, जिनमें Apple जैसी बड़ी कंपनियाँ भी शामिल हैं, से वापस लिया जा रहा है।
सरकार ने बताया कि पिछले 24 घंटों में ऐप के डाउनलोड्स में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया।
विवाद के बाद हुआ फैसला
सरकार का कहना था कि ऐप को प्री-इंस्टॉल करने का आदेश उपयोग बढ़ाने और सुरक्षा प्रक्रिया को तेज़ करने के लिए जारी किया गया था।
हालाँकि, विपक्षी नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने दो दिनों से इस निर्देश का विरोध किया।
उनकी चिंता थी कि फोन में ऐप को अनिवार्य रूप से इंस्टॉल करना निजता के अधिकार का उल्लंघन कर सकता है और इसका इस्तेमाल नागरिकों या कार्यकर्ताओं की जासूसी करने के लिए किया जा सकता है।
कई लोगों ने इसे 2021 के पेगासस स्पाइवेयर विवाद से जोड़कर देखा।
संचार मंत्री सिंधिया का बयान
संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को कहा था कि यदि आवश्यकता हुई तो इस ऐप को हटाया जा सकता है।
आज संसद में उन्होंने इसे दोहराते हुए स्पष्ट किया कि सरकार किसी भी स्थिति में नागरिकों की निजता से समझौता नहीं करेगी।
सरकार ने ऐप को “सुरक्षित” बताया
सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया—
- “साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए संचार साथी ऐप तैयार किया गया है।”
- “ऐप में उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा से इतर कोई अन्य कार्यक्षमता नहीं है।”
- “यूजर्स चाहें तो कभी भी ऐप को अपने फोन से हटा सकते हैं।”
फिलहाल, सरकार के आदेश वापस लेने के बाद ऐप की अनिवार्यता पर जारी विवाद थमने की उम्मीद है।