राजधानी में बढ़ते चौपाटी विवाद के बीच BJP ने आज अपना पक्ष रखने के लिए एकात्म परिसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व मंत्री राजेश मूणत और महापौर मीनल टौबे ने साइंस कॉलेज ग्राउंड से चौपाटी हटाने के कारणों की जानकारी दी।
प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी देते हुए राजेश मूणत ने कहा कि “यह मामला अभी का नहीं है, बल्कि साढ़े 3 साल पुराना है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार के दौरान भी BJP लगातार इस अवैध निर्माण का विरोध करती रही है। मूणत ने कहा कि स्मार्ट सिटी ने चौपाटी को यूथ हब बताकर बनाया, जबकि यह जमीन नगर निगम की नहीं बल्कि खेल विभाग की है।”
उन्होंने यह भी कहा कि “BJP के तमाम नेताओं ने इस अवैध चौपाटी के निर्माण के विरोध में 12 दिन प्रदर्शन किया था। दुकानों के संचालन के लिए एजेंसी को ₹29 लाख में दिया गया, जबकि 60 दुकानों से मासिक ₹25 हजार लिए जा रहे थे।” मूणत ने बताया कि एग्रीमेंट के तहत खोली जानी वाली दुकानों को नहीं खोला गया, इसलिए उन्हें नई जगह शिफ्ट किया गया। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वे केवल राजनीतिक मुद्दे के लिए विरोध कर रहे हैं।
शुरू से ही हो रहा है अवैध चौपाटी का विरोध : महापौर
महापौर मीनल चौबे ने कहा कि नगर निगम शुरू से ही अवैध चौपाटी के विरोध में था। उन्होंने बताया कि चौपाटी की 60 दुकानों को किराए पर दिया गया था और नई जगह पर सभी सुविधाएं किराएदारों को प्रदान की जाएंगी। चौपाटी स्थल पर जल्द ही नालंदा परिसर का निर्माण किया जाएगा।