भागवत कथा श्रवण करने पहुंची सांसद कमलेश जांगड़े…कथा वाचक बोले-‘देश में आतंक और भय पैदा किया जा रहा’

उन्होंने संपूर्ण जगत को संदेश दिया कि,। मेरे परम सखा सुदामा जी का मुझ पर बाल्य काल से ही बड़ा उपकार है ,। इन्होंने उसे श्रापित चने को केले खाकर मुझे दरिद्र होने से बचाया है । ब्राह्मण के चरण मेरे भवन पर पड़े और मेरा भाग्य धन्य हो गया l आचार्य द्वारा द्वादश स्कंध में वर्णित कलयुग के दोष से बचने का भी उपाय बताया गया ,। उन्होंने कहा कि भगवान नाम संकीर्तन ही कलयुग के सभी दोषों को पाप और ताप। को नाश करने वाला है l


परीक्षित मोक्ष की कथा श्रवण कराने । आचार्य ने सभी श्रोताओं को कहा कि हम ऐसे यज्ञों के माध्यम से सनातन और अपने धर्म की निष्ठा पूर्वक रक्षा और पालन करते रहे l
कथा श्रवण करने विशेष रूप से आए जांजगीर सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े , जांजगीर चांपा जिला पंचायत उपाध्यक्ष गगन जयपुरिया एवं जिला पंचायत सभापति मोहन कुमारी साहू एवं समस्त गणमान्य नागरिक और श्रोताओं को आचार्य ने विशेष आग्रह के साथ कहा की वर्तमान परिदृश्य में हम सभी देशवासियों को सचेत रहने की आवश्यकता है क्योंकि बाहरी शक्तियों के द्वारा हमारे देश में । आतंक और भय पैदा किया जा रहा है । दिल्ली में हुए बम कांड से सारा देश दहल चुका है । डॉक्टरों की सेवा भाव को देखते हुए हम उन्हें भगवान भी कहते हैं ,। किंतु अगर कोई डॉक्टर ही उच्च शिक्षा प्राप्त कर देश में आतंक फैला रहा है ,। देश के 32 अलग-अलग स्थान को टारगेट कर भारत को चुनौती दे रहे हैं तो निश्चित ही यह पूरे भारतवासियों के लिए एक सबक है l


आचार्य राजेंद्र जी महाराज ने यह भी कहा कि सनातन की दृष्टि से वेद पुराणों की कथाएं आगे भी होनी चाहिए किंतु अब पूरे देश में नागरिकों को जगाने के लिए राष्ट्र यज्ञ एवं भारत माता पूजन महोत्सव करने की भी नितांत आवश्यकता है । ऐसा आयोजन कर देशवासियों को अपने देश के प्रति जिम्मेदारी और सेवा भाव जगाया जा सकता है ।

इसी राष्ट्रीय प्रेरणा की दृष्टि से भागवत प्रवाह की योजना से सभी भागवत कथाओं में भारत माता की पूजा एवं आरती को अनिवार्य कर दिया गया है । वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ महतारी की भी आरती प्रतिदिन की जाती है । कथाओं का उद्देश्य जन जागरण एवं सामाजिक समरसता के साथ राष्ट्र के प्रति सेवाभाव जागृत करना मुख्य है ।
प्रतिदिन क्षेत्र वासियों को श्रीमद् भागवत कथा श्रवण के साथ जीवंत झांकियां एवं संकीर्तन का लाभ प्राप्त हुआ । इस यज्ञ के आयोज सपरिवार श्रीमती छतबाई आनंद राम कर्ष एवं श्रीमती रजनी देवी राजकमल कर्ष द्वारा सभी का आभार व्यापित किया गया l

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