विधायक के निर्देश की अनदेखी… जिस जंग लगे पोल को जब्त करने कहा था…पालिका ठेकेदार ने उसे ही लगवा दिया


नगर में बड़ा तालाब में सौंदर्यीकरण के नाम से भ्रष्टाचार किये जाने के लिए इसे प्रयोगशाला के रुप में इस्तेमाल किया जाता है । क्योंकि तालाब गहरीकरण व सौंदर्यीकरण एक ऐसी योजना होती है जिसमे भ्रष्टाचार की अपार संभावनाएं होती है इसलिए ऐसे कामो को प्राथमिकता दी जाती है व बड़ा बजट बनाया जाता है जितना बड़ा बजट उतना अधिक भ्रष्टाचार इसलिए निर्माणकर्ताओं द्वारा इसे प्रथम बजट में ही रखा जाता है ।

बड़ा तालाब के सौंदर्यीकरण के नाम से 3 बार कार्य हो चुका है । पर सौंदर्यीकरण इस बड़े तालाब में कहीं व कभी भी दिखाई नही दी । पूर्व में जो कुर्सियां व जिम लगाया गया था वह हटा दिए जाने से जिम के शौकीन लोगों को निराश होना पड़ रहा है ।
तालाब सौंदर्यीकरण के नाम से जब भी इस तालाब में कार्य होता है उतनी ही इस तालाब का जल ग्रहण क्षमता कम होते जाती है । वर्तमान में जिस तरह तालाब के किनारे सीमेंट की दीवाल उठाई जा रही है वह एक लाइन में न होकर आड़ी तिरछी बनाई जा रही है । काफी क्षेत्र छोड़े जाने से तालाब की जल ग्रहण क्षमता कम होते जा रही है ।

वही कुछ जानकर लोगो का कहना है कि इस तालाब के वास्तविक क्षेत्र के पहचान किये बिना निर्माण कार्य प्रारंभ करवा दिया गया है ।इस तालाब का नगरपालिका द्वारा सीमांकन कराये बगैर निर्माण केसरी प्रारम्भ करवा दिए जाने से उन अतिक्रमणकारियों को बचाने का प्रयास किया गया है जिन्होंने तालाब की जमीन को हथिया कर व कब्जा कर कोई पक्का निर्माण कर लिया है तो किसी ने कब्जा कर लिया है । इस तालाब सौंदर्यीकरण के बहाने व इसकी आड़ में तालाब के किनारे भू मालिको को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचाया गया है । क्योंकि उस योजना को इसी उद्देश्य की आपूर्ति के लिए ही बनाये जाने की चर्चा नगर में है ।


ज्ञातव्य हो कि वर्तमान में बड़े तालाब का एरिया नगर के प्राइम लोकेशन में आ गया है । नगर के विकास होने के कारण जमीनों की कीमतों में आसमानी वृद्धि हुई है । इस तालाब के 3 तरफ विभिन्न लोगों की जमीनें हैं जो खेत जे रूप में है व फसल भी ली जा रही है । कुछ खेत की जमीन तो ऐसी जगह है जहां से आने जाने के लिए रास्ता ही नही है। नगर में ऐसी चर्चा है कि इन खेत मालिको को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ही तालाब सौंदर्यीकरण की योजना लाई गई है ।

अब इस तालाब के 2 तरफ सीमेंटेड रोड बनाया गया है । इस सड़क का लाभ अब इस सड़क के किनारे जमीन मालिको को सीधे तौर पर मिलेगा । जो जमीने सड़क व आवागमन के अभाव में अंदर थी व जिसका मार्केट वेल्यू काफी कम था अब इस सड़क
की सुविधा मिल जाने से उक्त सभी जमीन मालिको को पदमपुर मुख्य सड़क तक सीधे रास्ता मिल जाने से इन जमीनों की कीमतें अचानक बढ़ जायेगी जिसका सीधा फायदा जमीन मालिको को मिलेगा । चर्चा के अनुसार इस सुविधा के एवज में काफी बड़ी रकम का लेनदेन भी हुआ है । अब यही बात सामने आने लगी है कि कहीं इसी लाभ के लिए ही तो तालाब सौंदर्यीकरण की योजना नही बनाई गई थी ?


ज्ञातव्य ह्यो कि विगत 30 अक्टूबर को तालाब में लगने वाले पुराने विद्युत पोलो को ठेकेदार द्वारा निकल पालिस किया जा रहा था । विधायक चातुरी नन्द को तालाब किनारे रंग किये जा रहे इन पोलो को का निरीक्षण किये जाने पर पाया गया कि पुराने पड़े खम्बो जिनमे जंग लग चुका था पर बगैर प्राइमर लगाए निकल पोलिस लगाया जा रहा था । विधायक द्वारा तत्काल एसड़ीएम , सीएमओ व उपयंत्री को स्पॉट में तलब कर जानकारी दी व एसडीएम से इन खम्बो को जप्ती किये जाने का निर्देश दिया गया ।

विधायक के निर्देश को अनदेखा कर एक हफ्ते बाद ही नगरपालिका व ठेकेदार द्वारा उक्त खम्बो को तालाब के पीछे बन रहे कथित चौपाटी पर लगा दिया गया ।
इस तालाब के सौंदर्यीकरण के लागत की अधिकृत जानकारी नही मिल रही है किंतु बताया जा रहा है कि लगभग सवा करोड़ रुपये के आसपास इसका ठेका दिया गया है । चर्चा यह भी है कि पूर्व नपाध्यक्ष की भी इसमे हिस्सेदारी है ।


वर्तमान में उस सौंदर्यीकरण का कार्य आधा भी नही हुआ है । तालाब का बिना सीमांकन कराये सौंदर्यीकरण किए जाने की चर्चा है । वही साइड दीवाल भी अधूरी है । सड़क किनारे लगाए गए अनेक पाम पौधे क्षतिग्रस्त हो चुके हैं । सीमेंटेड सड़क अनेक जगहों से टूट चुका है तो वही अनेक स्थानों पर लंबी दरारें आ चुकी है । तालाब के अंदर अभी सिर्फ एक ही साइड में दिवाली बनी है बाकी बनेगी भी या नही य्या कब बनेगी इसकी कोई सूचना नही है । सौंदर्यीकरण का कार्य इतना धीमी गति से किया जा रहा है की पता नही कितने दिनों बाद यह पूरा होगा । नई बनाई गई सीमेंट सड़क हल्के निर्माण सामग्री के उपयोग होने के कारण अनेको जगह सड़क उखड़ गई है । सफाई के अभाव में तालाब के अंदर व बाहर इतनी झाड़ियां ह्यो गई है कि सभी पाम पौधे इन झाड़ियों में दब गए हैं । अनेक लोग तो इस सड़क में ही शौच जर दिए जाने से चलना मुश्किल है । इस तालाब में लगभग 50 स्ट्रीट लाईट लग चुकी है । कथित निर्माणाधीन चौपाटी स्थल पर ही 26 स्ट्रीट लाइट लगाया गया है । तालाब व आसपास इतनी गंदगियां है कि गुजरने वाले लोग मुंह मे रुमाल रखकर चलते हैं ।
कुछ जागरूक लोगो ने बताया कि इसकी शिकायत ऊपर की जायेगी साथ ही तालाब के सीमांकन के लिए राजस्व विभाग में आवेदन भी लगाया जायेगा ताकि तालाब के क्षेत्रफल की वास्तविक जानकारी के बाद तालाब की जमीनों को अतिक्रमणकारियों के कब्जे से मुक्त कराये जाने का अभियान भी चलाया जायेगा ।

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