कन्नूर। केरल के कन्नूर जिले के पलाथई क्षेत्र में चौथी कक्षा की छात्रा का यौन उत्पीड़न करने वाले शिक्षक के. पद्मराजन को पॉक्सो कानून के तहत कठोर सजा सुनाई गई है। थालास्सेरी फास्ट-ट्रैक पॉक्सो अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए 40 वर्ष के कठोर कारावास और भारी आर्थिक दंड की सजा दी। पद्मराजन भारतीय जनता पार्टी का पूर्व स्थानीय नेता भी रह चुका है।
अदालती फैसले से राजनीतिक विवाद पर विराम
अदालत ने शुक्रवार को पद्मराजन को दोषी मानते हुए कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए कठोरतम दंड आवश्यक है। पॉक्सो अधिनियम में अधिकतम बीस वर्ष या उम्र कैद का प्रावधान है, जिसके तहत अदालत ने कठोर सजा का विकल्प चुना। मामला शुरुआत से ही विवादों में रहा, क्योंकि जांच दल पांच बार बदला गया और प्रारंभिक आरोपपत्र में पॉक्सो की धाराएं शामिल नहीं थीं।
2020 में तीन बार किया था शोषण
अभियोजन पक्ष के अनुसार पद्मराजन ने जनवरी और फरवरी 2020 में 10 वर्षीय छात्रा का स्कूल परिसर के भीतर और बाहर तीन बार यौन शोषण किया। पनूर पुलिस को शिकायत मिलने के बाद प्रारंभिक जांच में इसे फर्जी मान लिया गया, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया। 15 अप्रैल 2020 को आरोपी को उसके रिश्तेदार के घर से गिरफ्तार किया गया। बाद में जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई और विभिन्न जांच टीमों के बाद मई 2021 में अंतिम आरोपपत्र अदालत में प्रस्तुत किया गया।
मुकदमे की प्रक्रिया और अदालत का रुख
फरवरी 2024 में मुकदमा शुरू हुआ और विस्तृत सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपी को दोषी पाया। अभियोजन पक्ष ने कठोरतम दंड की मांग की, जबकि बचाव पक्ष ने मामला राजनीतिक प्रेरित बताते हुए नरमी बरतने की अपील की। अदालत ने साफ किया कि निर्णय केवल मामले के साक्ष्यों और परिस्थितियों पर आधारित है।
निर्णय का स्वागत
माकपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक एम.वी. जयराजन ने अदालत के निर्णय की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह फैसला राजनीति से परे है और न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। अभियोजन पक्ष का कहना है कि बाल दिवस के अवसर पर पीड़िता को न्याय मिलना समाज के लिए सकारात्मक संदेश है।