रायपुर। हिंदी के शीर्ष कवि-कथाकार, साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल मुंबई लिटरेचर के 16वें संस्करण के अवसर पर देश के लब्ध प्रतिष्ठित सम्मान गोदरेज लिटरेचर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड 2025 से नवाजे गए हैं।
पिछले वर्ष 2024 में यह सम्मान ओडिय़ा भाषा की सुप्रसिद्ध लेखिका प्रतिभा राय को प्रदान किया गया था। प्रतिभा राय से पूर्व यह प्रतिष्ठित सम्मान कन्नड़ के सुप्रसिद्ध नाट्य लेखक गिरीश कर्नाड तथा अंग्रेजी भाषा के जाने-माने लेखक अमिताभ घोष को प्राप्त हो चुका है। विनोद कुमार शुक्ल की अस्वस्थता के फलस्वरूप यह सम्मान पिछले 9 नवंबर को मुंबई में उनके दामाद देवेंद्र मिश्रा ने ग्रहण किया है।
विनोद कुमार शुक्ल आधुनिक हिंदी के सबसे सम्मानित और व्यापक रूप से अनूदित उपन्यासकार-कवि हैं। उनका लेखन जादुई यथार्थवाद जैसी शैली से जुड़ा माना जाता है, जो उनकी चर्चित कृतियों नौकर की कमीज़ और दीवार में एक खिड़की रहती थी में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। उन्हें भारत के दो सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार, साहित्य अकादमी पुरस्कार और ज्ञानपीठ पुरस्कार मिल चुके हैं। वे अब तक के एकमात्र भारतीय लेखक हैं जिन्हें पेन/नाबोकोव अवार्ड फॉर अचीवमेंट इन इंटरनेशनल लिटरेचर से सम्मानित किया गया है। वे कृषि विज्ञान में एमएससी हैं और विश्वविद्यालय में अध्यापन भी कर चुके हैं।
लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड स्वीकार करते हुए श्री शुक्ल ने कहा कि लेखन बोलने, अभिव्यक्ति करने और अपनी आवाज़ की खोज का प्रयास है। इस अभिव्यक्ति की तलाश में हम प्रतीकों, बिंबों और रूपकों की सहायता लेते हैं। यदि हम अच्छे से पढ़ते हैं तो हम आगे भी बढ़ते हैं। इसलिए आवश्यक है कि हम अपनी मौलिक आवाज़ को पहचानें और बार-बार उसकी ओर लौटे। मेरे लिए अंतिम सत्य यह है कि लेखन की शुरुआत कविता से हुई थी और अंत भी कविता के साथ ही होगा। गॉदरेज लिटरेचर लाइव! लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 2025 के लिए मैं आप सबका आभारी हूँ।