सरायपाली। नगर पालिका क्षेत्र में गौरवपथ निर्माण के दौरान लगाए गए नए विद्युत खंभे कुछ ही महीनों में जर्जर स्थिति में पहुंच गए हैं। नगर में 60 वर्ष पुराने खंभों को हटाकर 518 नए खंभे लगाए गए थे, लेकिन छह माह भी नहीं बीते कि कई खंभे तिरछे हो गए हैं और अधिकांश खंभों की निकल पॉलिश फीकी पड़ चुकी है।
गौरवपथ निर्माण के साथ विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से पुराने खंभों और तारों को बदलने का निर्णय लिया गया था। लगभग 6.5 किलोमीटर लंबे मार्ग पर सभी पुराने खंभों को हटाकर ऊंचे व नए खंभे लगाए गए थे। इसके साथ ही पुराने तारों की जगह नए तार लगाए गए।
स्थानीय नागरिकों और सूत्रों के अनुसार, विद्युत ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया। सीमेंट की मात्रा कम रखने और पर्याप्त पानी न डालने के कारण कुछ खंभे तिरछे हो गए थे, जिन्हें बाद में अस्थायी रूप से ठीक किया गया। खंभों पर की गई निकल पॉलिश भी कुछ ही महीनों में उतरने लगी है, जिससे यह प्रतीत होता है कि कार्य निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं हुआ।
जानकारी के अनुसार, झिलमिला स्थित सरस्वती शिशु मंदिर के सामने खेत किनारे लगाए गए दो खंभे पहले ही गिर चुके थे। समाचार प्रकाशित होने के बाद विभाग ने उन खंभों को बदलकर नए खंभे लगाए थे, लेकिन अब उसी स्थान पर फिर एक खंभा गिरने की स्थिति में पहुंच गया है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि खंभों के आसपास पत्थर और मिट्टी से किए गए कमजोर निर्माण के कारण ये खंभे कभी भी गिर सकते हैं। इस संबंध में विद्युत विभाग को सूचना दे दी गई है, लेकिन अब तक किसी स्थायी समाधान की दिशा में कदम नहीं उठाया गया है।
नगरवासियों ने मांग की है कि पूरे गौरवपथ पर लगाए गए विद्युत खंभों की गुणवत्ता की जांच कराई जाए और जिम्मेदार ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही न दोहराई जा सके।