छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों ने मांगी ‘मोदी की गारंटी’ लागू करने की मांग, जिला मुख्यालयों में हुआ प्रदर्शन


रायपुर, 29 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ राज्य में विधानसभा चुनाव 2023 से पूर्व जारी मोदी की गारंटी वाले घोषणा पत्र में कर्मचारियों से जुड़े कई वादे किए गए थे। दो वर्ष बीत जाने के बाद भी इन वादों को लागू नहीं किए जाने से नाराज राज्य के तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने आज सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टरों को सौंपा।


इस आंदोलन का नेतृत्व प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष पवन शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष नरेश वाढ़ेर और पेंशनर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष पीआर यादव ने किया। रायपुर में हुए प्रदर्शन में सैकड़ों कर्मचारी शामिल हुए। जिला शाखा अध्यक्ष रामचंद्र टांडी और कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने बताया कि राजधानी रायपुर में प्रदर्शन कर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।


प्रदर्शन में प्रमुख रूप से उमेश मुदलियार, पंकज नायक, सीएल दुबे, पीतांबर पटेल, विजय डागा, विमलचंद कुंडू और प्रदीप मिश्र सहित अन्य कर्मचारी नेता उपस्थित रहे।
विजय कुमार झा ने बताया कि मोदी की गारंटी में प्रदेश के लिपिकों, शिक्षकों, पंचायत कर्मियों, स्वास्थ्य कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने, केंद्रीय कर्मचारियों के समान बिना मांग महंगाई भत्ता और पेंशनरों को राहत देने, समयमान वेतनमान और पदोन्नति देने, अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण तथा आंगनबाड़ी, मितानिन, कोटवार और स्कूल सफाई कर्मचारियों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी घोषित करने जैसे वादे शामिल थे।


उन्होंने कहा कि आठवां वेतनमान लागू करने में देरी से कर्मचारियों में असंतोष है। कैबिनेट की मंजूरी देर से मिलने के कारण वेतन आयोग की रिपोर्ट तैयार करने में लगभग 16 माह लगेंगे, जबकि नया वेतनमान 1 जनवरी 2026 से लागू होना है। ऐसे में परिणाम में और देरी की आशंका है।


श्री झा ने चेतावनी दी कि यदि राज्य सरकार ने कर्मचारियों की मांगों पर निर्णय नहीं लिया और मोदी की गारंटी को लागू नहीं किया, तो प्रदेश के कर्मचारी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।


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