बेकाबू बाइकर्स का आतंक, ट्रैफिक पुलिस बनी मूकदर्शक

नेहरू चौक से लेकर सरकंडा सीपत चौक तक बने पुल पर शनिवार को फिर ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जब एक स्कूटी पर पांच नाबालिग लड़के सवार होकर तेज रफ्तार में स्टंटबाजी कर रहे थे। न तो उन्हें किसी हादसे का डर था, न ही पुलिस का खौफ।

यह लापरवाही न केवल उनकी जान के लिए खतरा है, बल्कि सड़कों पर चलने वाले हर व्यक्ति की सुरक्षा के लिए भी। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इन नाबालिगों को वाहन देने में उनके अभिभावकों की भी उतनी ही गलती है जितनी इन बच्चों की।

ऐसे में यह सवाल उठना लाज़मी है जब पुलिस सड़क पर नहीं दिख रही और अभिभावक भी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं, तो शहर में ट्रैफिक नियमों की रक्षा कौन करेगा? अगर अब भी प्रशासन नहीं चेता, तो बिलासपुर की सड़कें हादसों का अड्डा बन जाएंगी।

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