कुरनूल। आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में शुक्रवार तड़के एक निजी ट्रैवल्स की वोल्वो बस में आग लगने से 12 यात्रियों की मौत हो गई। घटना कल्लूर मंडल के चिन्नाटकुरु गांव के पास हुई, जब कावेरी ट्रैवल्स की बस देखते ही देखते आग की लपटों में घिर गई। बताया जा रहा है कि आग बस के अगले हिस्से में लगी थी, जो कुछ ही मिनटों में पूरी बस में फैल गई। हादसे में कई यात्री गंभीर रूप से झुलस गए हैं। बस में आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है।
यह कोई पहला मामला नहीं है जब चलती बस इस तरह की भयावह दुर्घटना का शिकार हुई हो। हाल ही में राजस्थान के जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर 14 अक्टूबर को हुई घटना में एसी स्लीपर बस में अचानक आग लगने से 20 यात्रियों की मौत हो गई थी। उस हादसे में भी कई यात्री जिंदा जल गए थे। इन घटनाओं ने एक बार फिर बस यात्रा की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
देश में सार्वजनिक परिवहन से जुड़े हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल 45 हजार से अधिक सड़क हादसे बसों से संबंधित होते हैं, जिनमें हजारों लोगों की मौत होती है। इनमें से अधिकांश मामले ऐसे वाहनों से जुड़े होते हैं जो फिटनेस सर्टिफिकेट के बिना चल रहे होते हैं या जहां ड्राइवर लंबे समय तक बिना विश्राम के यात्रा कर रहे होते हैं।
कुरनूल और जैसलमेर जैसे हादसे यह संकेत देते हैं कि बस सुरक्षा मानकों और निरीक्षण प्रक्रियाओं में सुधार की तत्काल आवश्यकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि नियमित जांच, ड्राइवरों को समयबद्ध विश्राम और आपातकालीन सुरक्षा उपकरणों की अनिवार्यता से इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है।