मुंबई। छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और सीमा शुल्क विभाग की संयुक्त कार्रवाई में करीब 20 करोड़ रुपये मूल्य का हाइड्रोपोनिक वीड जब्त किया गया है। अधिकारियों ने दो अलग-अलग मामलों में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
पहले मामले में बैंकॉक से आए एक यात्री के पास से 11.92 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक वीड मिला, जिसकी अनुमानित कीमत 11.92 करोड़ रुपये बताई गई है। वहीं दूसरे मामले में हांगकांग से पहुंचे दो यात्रियों के पास से 7.86 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक वीड बरामद किया गया, जिसकी कीमत 7.86 करोड़ रुपये आंकी गई है।
क्या है हाइड्रोपोनिक वीड
हाइड्रोपोनिक वीड एक विशेष प्रकार की खेती से तैयार किया गया गांजा होता है, जिसमें पौधों को मिट्टी के बिना केवल पोषक तत्वों, पानी और ऑक्सीजन की सहायता से उगाया जाता है। इस तकनीक से पौधों की वृद्धि तेजी से होती है और उनमें टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल (THC) का स्तर अधिक पाया जाता है, जो नशे का मुख्य तत्व होता है।
भारत में प्रतिबंधित क्यों है
भारत में हाइड्रोपोनिक वीड को अत्यधिक नशीला और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना गया है। इसकी उच्च THC मात्रा के कारण यह सामान्य गांजे से कहीं अधिक नशा उत्पन्न करता है। इसे सिगरेट या सिगार पेपर में भरकर पीया जाता है, जिससे इसका प्रभाव तुरंत और गहरा होता है। इसी कारण भारत सरकार ने इसके उत्पादन, व्यापार और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रखा है।
महंगा और खतरनाक नशा
हाइड्रोपोनिक वीड का उत्पादन थाईलैंड, हांगकांग, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में बड़े पैमाने पर होता है। युवाओं के बीच इसके नशे की लत तेजी से बढ़ रही है, खासकर रेव पार्टियों में इसकी मांग अधिक देखी जा रही है। इसकी कीमत सामान्य गांजे की तुलना में कई गुना अधिक होती है। एक किलोग्राम हाइड्रोपोनिक वीड की कीमत लगभग एक करोड़ रुपये तक होती है, जिसके चलते यह नशा अंतरराष्ट्रीय तस्करों के लिए कमाई का बड़ा जरिया बन गया है।
अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है और यह जांच की जा रही है कि यह नशा भारत में किस नेटवर्क के माध्यम से सप्लाई किया जा रहा था।