भूख हड़ताल ने केन्द्रीय विश्विद्यालय को बना दिया सियासत का नया मैदान

:विनोद कुशवाहा:

बिलासपुर: गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में
एक बार फिर माहौल गरम हो गया है। प्रदेश का एकमात्र केंद्रीय
विश्वविद्यालय इन दिनों छात्र आंदोलन और प्रशासनिक टकराव के कारण सुर्खियों में है।

दरअसल, विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुछ दिन पहले छात्र सुदीप शास्त्री को अनुशासनहीनता के आरोप में निष्कासित कर दिया था। इस फैसले के विरोध में सुदीप शास्त्री और उनके साथी सार्थक मिश्रा पिछले 90 घंटे से अधिक समय से भूख हड़ताल पर बैठे हैं।

दोनों छात्रों का आरोप है कि कुलपति मनमानी कर रहे हैं और छात्र हितों की अनदेखी की जा रही है।भूख हड़ताल की खबर फैलते ही छात्र संगठन एनएसयूआई और कांग्रेस के कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, गुस्साए कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार का ताला तोड़ दिया और कुलपति के बंगले के सामने धरना शुरू कर दिया।

कांग्रेस विधायक अटल श्रीवास्तव और एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष नीरज पांडेय भी छात्रों के समर्थन में पहुंचे। उन्होंने कहा कि छात्रों की आवाज़ को दबाना लोकतंत्र की हत्या है, और जब तक निष्कासन का आदेश वापस नहीं लिया जाता, आंदोलन जारी रहेगा।

वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि कार्रवाई नियमों के अनुसार की गई है और परिसर की शैक्षणिक व्यवस्था को बनाए रखना उनकी जिम्मेदारी है।इस बीच, लगातार भूख हड़ताल और प्रदर्शन के चलते विश्वविद्यालय परिसर में तनाव का माहौल है।

जिला प्रशासन की टीम हालात पर नज़र बनाए हुए है।अब सवाल यह है कि क्या बातचीत से समाधान निकलेगा या फिर यह विवाद और भड़क जाएगा। फिलहाल गुरु घासीदास विश्वविद्यालय आंदोलन और आरोपों की आग में तप रहा है।

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