रानी दुर्गावती जयंती के अवसर पर हुई संगोष्ठी…वीरांगना रानी दुर्गावती का जीवन हमारी प्रेरणा का स्त्रोत है

कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती माता, स्वामी विवेकानंद जी व रानी दुर्गावती जी के छायाचित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर व परिषद गीत गाकर किया गया।

कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. मधुरानी शुक्ला ने कहा कि रानी दुर्गावती जी का जीवन अत्यंत किंवदंती था क्योंकि उन्होंने इतिहास में निष्क्रिय पात्र बनकर रहने से इंकार कर दिया। आक्रमणकारी मुगल शक्तियों का सामना करते हुए उन्होंने अपने राज्य और प्रजा की रक्षा का दायित्व अपने कन्धों पर लिया।

जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष जीना निषाद ने कहा कि आधुनिक भारत में महिलाओं के कल्याण व सशक्तिकरण की जो संरचना आज दिखाई दे रही है, जिसे महिला एवं बाल विकास मंत्रालय व संबद्ध विभागों द्वारा आगे बढ़ाया जा रहा है। वह उसी कर्तव्य भावना और सार्वजनिक उत्तरदायित्व से प्रेरित है, जिसका उदाहरण रानी दुर्गावती जी ने अपने जीवन में प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम की मुख्य वक्त प्रदेश कार्यसमिति सदस्य व महानगर सहमंत्री हर्षित कौर ने कहा कि इस आधुनिकता के दौर में हमें अपने आदर्श वीरांगना रानी दुर्गावती जी को नहीं भूलना चाहिए। आधुनिक बनना आवश्यक है, परन्तु अपने संस्कारों से दूर होना नहीं। हमारी जड़ें हमारी प्राचीन संस्कृति व परम्पराओं में ही बसती हैं।

कार्यक्रम के समापन में प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य व नगर मंत्री दीपक साहू ने उपस्थित सभी अतिथियों व छात्र-छात्राओं का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय प्रमुख सागर सोनी ने किया।

इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक व नगर सहमंत्री दिपेश सेन, सह संयोजक शिखर साहू, नगर एस.एफ.एस. प्रमुख आयुष रजक, एन.एस.एस. प्रमुख साहिल सोनी, खेलों भारत प्रमुख धर्मेन्द्र साहू, नगर कार्यकारिणी सदस्य एस कुमार साहू, यामिनी साहू, कैंपस कार्यकारिणी सदस्य चन्द्रशेखर साहू, वेद प्रकाश साहू, सोनू राम साहू व महेन्द्र चक्रधारी सहित सैकड़ों छात्राएं उपस्थित रहीं।

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