:दिलीप गुप्ता:
सरायपाली: आज से लगभग 35 वर्ष पहले शंकर लाल साहू गुरुजी,
जो संघ पृष्ठ भूमि से आते है जिनके निष्ठा लगन के सामने प्रशासन को
म्यूकला पड़ा था, और शिवालय और तालाब निमणि का
सपना पूरा हुआ था, धन्य है, नमन है ऐसे संघ शक्ति को।

मेरे विचार से स्वाधीन भारत के 70 वर्ष के इतिहास के पाठ्यक्रम को देखा जाय तो लगता है कि मुगल शासको का शौर्यगाथा का वर्णन हुआ था.

अकबर महान, सिकदर महान आदि । हमारे महानहित्यराक्रमी शूर वीरों का इतिहास को दबाया गया, छिपाया गया है। हमारे महान हिन्दू शूर वीरों का स्थान सुनिश्चित करने हेतु संघ से निवेदन है।
अंत में अपने वाणी को विराम देते हुए-माँ भारती की रक्षा करने वाले एवं हिन्दूत्व को संरक्षित रखने वाले संघ शक्ति को बार बार नमन.
