सड़क-पुलिया निर्माण, दुरुस्ती के नाम पर वन विभाग में लाखो का फर्जीवाड़ा

यह पूरा षड्यंत्र पूर्व में पदस्थ रहे वनमंडल अधिकारी के संरक्षण में रेंजर और डिप्टी रेंजर ने मिलकर किया है। इसके पहले भी तालाब निर्माण, डैम निर्माण, भवनों की रंगाई- पोताई, पौधारोपण, भू जल संरक्षण जैसे कार्यों में अनियमितता और भ्रष्टाचार की शिकायते सामने आ चुकी चुकी है। इस मामले को लेकर प्रधान मुख्य वन संरक्षक रायपुर कार्यालय के शिकायत शाखा एवं वन मंडल अधिकारी भानुप्रतापपुर को आवेदन दिया गया है तथा इसकी सूक्ष्मता से जाँच कर दोषियो पर कार्यवाही व एफ़आईआर करने की माँग की जा रही है।

शिकायतकर्ता मयंक सोनी ने बताया कि विगत 2 वर्षों में वनमंडल पूर्व भानुप्रतापपुर अंतर्गत सभी परिक्षेत्र में बड़े पैमाने पर फर्जी बिल व्हाउचर बनाकर करोड़ों की राशि बंदरबांट की गई है। आरटीआई लगाने के बावजूद जानकारी नहीं दी जा रही है जो किसी बड़े भ्रष्टाचार की और इंगित करता है।

हालही में भानुप्रतापपुर परिक्षेत्र के ग्राम बांसला में बिना किसी कार्य के लगभग 40 लाख रुपये आहरण कर लिए गए है। इसी तरह बारिश के पूर्व शासकीय भवनों की मरम्मत व रंगाई पोताई के नाम पर भी 60-70 लाख रुपये खर्च दिखाया गया है, जबकि कुछ ही भवनों में वाटर प्रूफिंग का कार्य हुआ है।

इसके पहले पीछेकट्टा, साल्हे व इरागाँव में तालाब निर्माण में गड़बड़ी उजागर हुई थी, जहाँ तीन तालाब की स्वीकृति लेकर दो ही तालाब बनाये गए थे और तीन तालाब की राशि आहरण कर ली गई थी। दाबकट्टा में दो वर्ष पूर्व डैम बनवाया गया था जिसमे आज तक गेट ही नहीं लगाया गया जबकि उसकी भी पूरी राशि आहरण कर ली गई है।

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