मध्यप्रदेश पुलिस ने आधी रात चले स्पेशल ऑपरेशन में
श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के मालिक और ज़हरीले कफ सिरप कांड के
मुख्य आरोपी रंगनाथन गोविंदन को दबोच लिया है।
|यह वही आरोपी है, जिसके सिरप से अब तक
20 मासूम बच्चों की जान जा चुकी है।
सूत्रों के अनुसार, रंगनाथन अपनी पत्नी के साथ फरार था। बुधवार तड़के करीब 1:30 बजे चेन्नई से उसे हिरासत में लिया गया।
एफआईआर दर्ज होने के अगले ही दिन 5 अक्टूबर को मध्यप्रदेश पुलिस की विशेष टीम चेन्नई पहुंची थी। इस टीम में महिला अधिकारी, साइबर एक्सपर्ट और ड्रग इंस्पेक्टर भी शामिल थे, ताकि ऑपरेशन में कोई तकनीकी चूक न हो।

ऐसे चला था ऑपरेशन
पुलिस को रंगनाथन को पकड़ने में खूब मशक्कत करनी पड़ी।
मध्यप्रदेश पुलिस ने उसके बैंक ट्रांजेक्शन, वाहनों और घर की गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखी। जब पूरा लोकेशन कंफर्म हुआ तो देर रात सटीक टाइमिंग पर दबिश देकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस टीम उसे कांचीपुरम स्थित श्रीसन फार्मा फैक्ट्री लेकर गई, जहां से कई अहम दस्तावेज और सैंपल जब्त किए गए।
अब आरोपी को ट्रांजिट रिमांड पर छिंदवाड़ा लाया जाएगा।

कैसे बना मौत का सिरप
छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों में पिछले दो हफ्तों में कई बच्चों की मौत के बाद जांच शुरू हुई।
डॉक्टरों ने पाया कि “कोल्ड्रिफ सिरप” पीने वाले बच्चों की किडनी ने काम करना बंद कर दिया था।
बच्चों को उल्टी, पेशाब में तकलीफ और तेज बुखार जैसे लक्षण दिखाई दिए।
जांच में खुलासा हुआ कि कंपनी ने ग्लिसरॉल की जगह डायथिलीन ग्लाइकॉल नामक जहरीले केमिकल का उपयोग किया था — वही केमिकल जिससे गाम्बिया (2022) और उज्बेकिस्तान (2023) में भी बच्चों की मौत हुई थी।
श्रीसन फार्मा पर पहले भी उठ चुके हैं सवाल
तमिलनाडु स्थित श्रीसन फार्मास्युटिकल्स पर पहले भी गुणवत्ता को लेकर कार्रवाई हो चुकी है।
इस बार SIT जांच में पता चला कि कंपनी ने कई बैच बिना लैब टेस्ट के ही मध्यप्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र भेज दिए थे।
अब अफसरों पर भी गिरी गाज
कफ सिरप कांड की जांच अब राज्य और केंद्र सरकार की संयुक्त समिति कर रही है।
अब तक की कार्रवाई में —
- कंपनी मालिक रंगनाथन गोविंदन गिरफ्तार
- दो मेडिसिन कंट्रोलर और एक उपनिदेशक निलंबित
- स्टेट मेडिसिन कंट्रोलर का तबादला
- डॉ. प्रवीण सोनी, जिन पर गलत दवा लिखने का आरोप है, गिरफ्तार
SIT की त्वरित कार्रवाई से खुला बड़ा दवा घोटाला
छिंदवाड़ा एसपी अजय पांडे ने बताया कि गिरफ्तारी 8 अक्टूबर की रात चेन्नई में हुई।
रंगनाथन की गिरफ्तारी पर ₹20,000 का इनाम घोषित था।
पुलिस का कहना है — “यह गिरफ्तारी भारत के सबसे गंभीर दवा घोटालों में से एक के पीछे छिपे सच को सामने लाने की दिशा में बड़ा कदम है।”