40 साल से जमे लेखपाल पर मेहरबान नियम? कलेक्टर से कार्रवाई की मांग

सूत्रों की मानें तो, इस लेखपाल की मनमानी यहीं खत्म नहीं होती। कार्यालय में उनका नियमित समय पर आना-जाना भी नहीं रहता, और वे अपनी मर्जी के अनुसार ही कार्यों का निष्पादन करते हैं। इस बेलगाम व्यवस्था से आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, और योजनाओं का क्रियान्वयन भी प्रभावित हो रहा है।

इस गंभीर मुद्दे को संज्ञान में लेते हुए, छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स के जिला उपाध्यक्ष ने जिला कलेक्टर से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और लेखपाल को अन्यात्र स्थानांतरण करने की मांग रखी है। उनका कहना है कि 40सालो से एक ही स्थान कार्यलय में टिके रहना क्षेत्र में अच्छी पकड़ से वित्तीय अनियमितता आसानी से हो सकती है.कार्यवाही जरुरी है

यह मामला स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर रहा है। क्या प्रशासन ऐसे नियमों का उल्लंघन करने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई से कतराता है? या फिर इसके पीछे कोई और कारण है, जिसकी जांच होनी चाहिए?

क्षेत्रवासी उम्मीद कर रहे हैं कि जिला कलेक्टर इस मामले की गंभीरता को समझेंगे और शीघ्र ही उचित कार्रवाई करेंगे, ताकि सोनहत के महिला बाल विकास कार्यालय में व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके और आम जनता को राहत मिल सके। 40 साल एक ही जगह पर बने रहना, और नियमों का उल्लंघन, यह निश्चित ही प्रशासन के लिए एक चुनौती है, जिसका तत्काल समाधान अपेक्षित है।

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