खाली पड़े जगह पर होने लगा अतिक्रमण…तो क्या गौरवपथ के बाद सर्विस रोड और नाली निर्माण नहीं होगा


:दिलीप गुप्ता:

सरायपाली:- ” नगरवासी सहायक नाली निर्माण करने नही दें रहे हैं
इसकी वजह से सर्विस रोड व सहायक नाली निर्माण में बाधा उत्पन्न हो रही है ।
” यह कहना है नगरपालिका का । नगरपालिका के इस कथन से उनकी बेबसी व लाचारी स्पष्ट दिखाई दे रही है ।
जिसके पास नगर की सरकार है , जिसके पास सत्ताधारी पार्टी की सरकार है
और जिसके पास स्वयं का व स्थानीय प्रशासन का अधिकार है वह नगरपालिका
आज सर्विस रोड व सहायक नाली नही बना पाने के लिए कितनी असहाय दिख रही है ।

गौरवपथ व नाली निर्माण के बाद सर्विस रोड व सहायक नाली का निर्माण किया जाना था किंतु पूर्व प्रभारी नपाध्यक्ष के कमीशनखोरी , बदलाव , तुष्टिकरण व चुनावी जीत के फायदे के लिए बहुप्रतीक्षित गौरवपथ को ही भ्रस्टाचार व अनियमितताओं के काले कोठरी में धकेल दिया गया । अब शेष बचे इस लगभग 16 फिट की जगह जहां सर्विस रोड व सहायक नाली बननी थी उसे लाभार्थियों के लिए खुला छोड़ दिया गया है यह कहते हुवे की आओ इस शेष भूमि में कब्जा करो व अपने मन मुताबिक इसमे निर्माण करो नगरपालिका नगरवासियो को नगर में जमीन कब्जा करने की खुली छूट दे रही है तो वहीं इससे नगरपालिका की छवि व प्रशासनिक क्षमता भी धूमिल हो रही है । इसकी उच्च स्तरीय शिकायत किये जाने की जानकारी मिली है ।

ज्ञातव्य हो कि नगर में काफी लंबे समय से बेहतर व सुरक्षित यातायात को देखते हुबे गौरव पथ निर्माण किये जाने की मांग की जाती रही है। कांग्रेस के शासन काल में यह स्वीकृत भी हुआ व निर्माणकार्य प्रारम्भ भी किया गया। किंतु अब मिल रही जानकारी के अनुसार गौरवपथ के साथ ही दोनों किनारों पर सर्विस रोड व नाली निर्माण का कार्य होना था किंतु प्राक्कलन में लगातार बदलाव के कारण ऐसा लगता है कि गौरवपथ निर्माण के पूर्व बगैर किसी जांच, सलाह व योजना के हड़बड़ी व कमीशन के चक्कर में आनन फानन में इसे स्वीकृत कर दिया गया जिसका नुकसान अब नगरवासियो को उठाना पड़ रहा है ।

पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष द्वारा जबसे पूर्व निर्धारित प्राक्कलन में संशोधन कर गौरव पथ का निर्माण किया जा रहा है तब से मामला और गंभीर रूप लेते जा रहा है। अपने निजी स्वार्थ, कमीशन व तुष्टिकरण के चलते प्राक्कलन में भारी परिवर्तन कर दिए जाने से निर्माण कार्य में बेवजह विलम्ब, लागत बढ़ने से आर्थिक नुकसान व व्यापारियों व राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना प्रतिदिन करना पड़ा तो वहीं व्यवसाय भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

इस गौरवपथ निर्माण में प्रारंभ से लेकर अब तक कुछ ऐसे निर्णय है जो जांच के दायरे में तो आते हैं साथ ही नगराध्यक्ष व नगरपालिका के कार्यशैलियों व प्रशासनिक क्षमता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।


गौरवपथ में सर्विस रोड व नाली बनाये जाने का प्रावधान है किंतु उसका काम अभी तक
क्यों नहीं चालू किया गया। इसका कोई जवाब नगरपालिका के पास नही है । 60 फिट में नाली निर्माण न कर बीच सड़क में नाली निर्माण किये जाने का क्या औचित्य था यह आज तक समझ से परे है । बताया गया कि नाली निर्माण के बाद 12-13 फिट सर्विस रोड व 3 फिट सहायक नाली का पुनः निर्माण किया जायेगा ताकि घरों व दुकानो का पानी इस नाली में गिराया जायेगा ।

पर अब मिल रही जानकारी के अनुसार सर्विस रोड व सहायक नाली का निर्माण शायद संभव नही है ।सवाल अब यहां यह है कि इस बचे हुवे ज़गह का क्या उपयोग किया जायेगा । इस रिक्त हुवे स्थान के संबंध में नगरपालिका का कहना है कि नगरवासी व व्यवसायी सहायक नाली बंनाने नही दे रहे हैं इसलिये इसका निर्माण प्रारम्भ नही हो पा रहा है । नगरपालिका का यह कथन कितना हास्यास्पद व चिंतनीय है कि जिसके पास सम्पूर्ण अधिकार है वह इस तरह नगरवासियो के सामने मजबूर है ।

अब इस शेष बचे स्थान का नगरबासी व व्यवसायियों को लगभग 15-16 फिट जगह मुफ्त में मिल गई है वह इसकाअब किसी भी तरह दुरुपयोग या उपयोग करे नगरपालिका से इन्हें खुली छूट मिल गई है । कुछ लोगो द्वारा इस पर अमल करना भी प्रारम्भ कर दिया गया है । कोई दुकानों व घरों के सामने पक्का शेड बना रहा है तो कोई सीमेंटेड पक्का निर्माण कर रहा है । इस बचे स्थान का उपयोग अनेक लोग वाहन रखने के लिए भी कर रहे हैं । इसी तरह अग्रसेन चौक से जयस्तम्भ चौक तक डिवाइडर बनना सुरक्षा व दुर्घटनाओ को देखते हुवे बेहद आवश्यक है किंतु यह भी अभी तक लटका कर रखा गया है । इसका कोई संतोषजनक जवाब नगरपालिका के पास नही है । वह कुछ भी बताने से इनकार कर रही है ।

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