निरीक्षण के दौरान मूलभूत सुविधाएँ, विधिक सहायता की ली जानकारी
:राजेश राज गुप्ता:
कोरिया: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार एवं उच्चतम न्यायालय में सुकन्या संस्था विरुद्ध यूनियन ऑफ इंडिया व अन्य प्रकरण में पारित निर्णय के अनुपालन में जिला जेल बैकुण्ठपुर का निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण दल में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष शैलेश कुमार तिवारी, कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पंकज पटेल, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती प्रतिक्षा अग्रवाल, डीएलएसए सचिव श्रीमती अमृता दिनेश मिश्रा तथा विजिटर बोर्ड के अन्य सदस्य शामिल रहे।

निरीक्षण के दौरान बंदियों को उपलब्ध कराई जा रही मूलभूत सुविधाएँ, विधिक सहायता, स्वास्थ्य सेवाएँ, भोजन की गुणवत्ता एवं सफाई व्यवस्था की समीक्षा की गई। अधिकारियों ने कैदियों से मुलाकात कर उनकी समस्याएँ सुनीं और यह सुनिश्चित किया कि सभी को समय पर विधिक सेवाएँ मिलें तथा किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो।
निरीक्षण के दौरान जेल परिसर, बैरकों, शौचालयों एवं लीगल एड क्लीनिक का भी अवलोकन किया गया। अधिकारियों ने लीगल एड क्लीनिक के माध्यम से बंदियों को दी जा रही सुविधाओं का जायजा लिया। विशेष रूप से यह पाया गया कि जिला जेल बैकुण्ठपुर में जातिगत या अन्य किसी प्रकार का भेदभाव नहीं है।
यह निरीक्षण उच्चतम न्यायालय के आदेश 03 अक्टूबर 2024 के दिशा-निर्देशों के पालन में किया गया। इसके तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं विजिटर बोर्ड द्वारा प्रत्येक तिमाही में जिला जेल का निरीक्षण अनिवार्य रूप से किया जाता है।