बिना पूर्व सूचना के कन्या आश्रम का जनपद प्राथमिक शाला में विलय… पालकों ने जताया विरोध, उग्र आंदोलन की चेतावनी

पालकों का कहना है कि कन्या आश्रम शाला की स्थापना छात्राओं की सुरक्षा, सुविधा और बेहतर शिक्षा को ध्यान में रखकर की गई थी। अब अचानक यह विलय होने से छात्राएँ लड़कों के साथ पढ़ाई करने को मजबूर हैं, जिससे उनका मनोबल प्रभावित हो रहा है और शिक्षा का माहौल बिगड़ रहा है।

सोमवार को इस मामले में ज्ञापन माननीय विधायक श्रीमती सावित्री मनोज मंडावी, एसडीएम (अनुविभागीय अधिकारी राजस्व) और खंड शिक्षा अधिकारी को सौंपा गया।

ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से: वार्ड क्रमांक 9 के पार्षद तुषार ठाकुर, पूर्व जनपद सदस्य श्रीमती मुकेश्वरी नरेटी, वार्ड क्रमांक 1 के पार्षद प्रतिनिधि निकेश सिंह ठाकुर

इस अवसर पर केवल पालकगण उपस्थित थे। ज्ञापन में उन्होंने कहा कि यदि छात्राओं की पढ़ाई और सुरक्षा के हित में तुरंत उचित कदम नहीं उठाए गए, तो वे उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।

ज्ञापन में यह भी बताया गया कि कन्या आश्रम की अलग व्यवस्था होने से छात्राओं को शांतिपूर्ण और सुरक्षित वातावरण में पढ़ाई करने का अवसर मिलता था। अब लड़कों के साथ पढ़ाई करने से न केवल उनकी असहजता बढ़ रही है, बल्कि शिक्षा का स्तर भी प्रभावित हो रहा है।

ज्ञापन प्राप्त करने के बाद अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि इस मामले की गंभीरता से समीक्षा की जाएगी और छात्राओं के हित में उचित कार्रवाई की जाएगी।

पालकों ने जोर देकर कहा कि कन्या आश्रम को पुनः स्वतंत्र रूप से संचालित किया जाना चाहिए या वैकल्पिक व्यवस्था की जाए, जिससे बच्चियों की पढ़ाई और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। सभी उपस्थित जनप्रतिनिधियों और पालकों ने इस विलय का विरोध करते हुए तत्काल पुनर्विचार की मांग की।

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