नई दिल्ली। सीपी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को देश के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। 67 वर्षीय राधाकृष्णन ने एनडीए उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार पूर्व जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के अंतर से हराया।
21 जुलाई को तत्कालीन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कराया गया था। उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद राधाकृष्णन ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है।
राधाकृष्णन की राजनीतिक यात्रा असाधारण मानी जाती है। छात्र आंदोलन से शुरुआत करने वाले राधाकृष्णन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े और फिर भारतीय जनता पार्टी के संगठन में सक्रिय भूमिका निभाई। 2004 से 2007 तक वे तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। इसी दौरान 2007 में उन्होंने 93 दिनों में 19,000 किलोमीटर की रथ यात्रा निकाली। इस यात्रा का उद्देश्य देश की नदियों को जोड़ने, आतंकवाद उन्मूलन, समान नागरिक संहिता लागू करने, अस्पृश्यता निवारण और मादक पदार्थों के खिलाफ जागरूकता फैलाना था।
इसके अलावा 2020 से 2022 तक वे केरल भाजपा के प्रभारी भी रहे। संगठन और प्रशासन दोनों पर उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। विनम्र और सुलभ नेता की छवि रखने वाले राधाकृष्णन को समर्थक तमिलनाडु का मोदी भी कहते हैं।
