राज्य अलंकरण: शिक्षा रत्न सम्मान से अलंकृत हुई व्याख्याता समीक्षा गायकवाड़

उन्हें यह सम्मान शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार, प्रकृति संरक्षण, विज्ञान प्रचार-प्रसार, स्वच्छता, स्वास्थ्य, कला-संस्कृति, समाज सेवा, महिला सशक्तिकरण, अंधविश्वास निर्मूलन एवं जन-जागरूकता जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया। समारोह में विशेष परंपरा के तहत चयनित शिक्षकों का दूध मिश्रित जल से चरण प्रक्षालन किया गया।

तत्पश्चात तिलक-चंदन, महाआरती एवं मोमेंटो, मेडल व प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पद्मश्री अजय मंडावी ने कहा– “मैं मूर्तियों को नहीं गढ़ता, इंसानों को गढ़ता हूँ। शिक्षक वही है जो समाज के लिए इंसान गढ़ता है।”

मुख्य अतिथि डा. हित नारायण टंडन (सहायक प्राध्यापक, प्राणी विज्ञान विभागाध्यक्ष, गुरु घासीदास स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कुरूद) ने कहा कि ऐसा सम्मान शिक्षकों को जीवनभर प्रेरित करता है। वहीं नीरज वर्मा (इसरो साइंस एक्टिविस्ट, महाराष्ट्र) ने बस्तर के चयनित छात्रों को श्रीहरिकोटा भ्रमण कराने की योजना साझा की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता अभिषेक शुक्ला ने की। मंच पर कालिदास नाकाड़े (यंग खगोल विज्ञान समूह, नागपुर), रश्मि वर्मा (आर.के. साइंस सेंटर, नागपुर), नितिन कुमार पटेल (अगस्त्या इंटरनेशनल फाउंडेशन, भोपाल), संजीव सुर्यवंशी (नवाचार गतिविधि समूह, छत्तीसगढ़) तथा मोतीलाल देवांगन (प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन) विशेष रूप से उपस्थित रहे।

समारोह में महर्षि वशिष्ठ सम्मान, सरस्वती पुत्र सम्मान और उत्कृष्ट विद्यालय सम्मान भी चयनित व्यक्तियों व संस्थानों को प्रदान किए गए। संचालन व्याख्याता समीक्षा गायकवाड़ ने किया।

कार्यक्रम में विज्ञान संचारकों एवं कार्यकारिणी सदस्यों लखन लाल साहू, विद्यामती‌साहू, अशोक जंघेल, भुनेश्वर मरकाम, राधिका साहू, क्षमा उइके,

संध्या कुशल, भारती तिवारी, संदीप सेन, मनीष अहीर, कुमार मण्डावी सहित कार्यकारिणी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा।

यह सम्मान समारोह केवल एक औपचारिक आयोजन न होकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने वाले व्यक्तियों को प्रोत्साहित करने और अन्य लोगों को प्रेरित करने का महत्वपूर्ण अवसर बन गया।

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *