रायपुर। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) रायपुर ज़ोनल यूनिट ने मेसर्स मोक्षित कॉर्पोरेशन और उससे जुड़ी 85 फर्मों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 162.22 करोड़ रुपये के कर योग्य मूल्य पर 28.46 करोड़ रुपये के अनुचित इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का नोटिस जारी किया है।
फरवरी 2024 से शुरू हुई जांच में यह सामने आया कि मोक्षित कॉर्पोरेशन ने फर्जी इनवॉइस के माध्यम से बड़े पैमाने पर जीएसटी की चोरी की। जांच के दौरान छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में विभिन्न ठिकानों पर तलाशी और निरीक्षण अभियान चलाए गए।
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि फर्म के साझेदार शशांक चोपड़ा ने अपने रिश्तेदारों के नाम पर दर्जनों फर्जी फर्मों की स्थापना की थी। इन संस्थाओं के माध्यम से अनुचित ITC का लाभ उठाया गया और मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों को अंजाम दिया गया। इन कार्यवाहियों के लिए 200 से अधिक बैंक खातों का उपयोग किया गया।
जांच के आधार पर विभाग ने मोक्षित कॉर्पोरेशन पर 28.46 करोड़ रुपये की कर मांग की है, वहीं संबद्ध 85 फर्मों को भी दंडात्मक नोटिस जारी किए गए हैं। यह कार्रवाई जीएसटी अपवंचन की रोकथाम की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।