कॉलेज जीवन अमूल्य है, अनुशासन व परिश्रम से आत्मनिर्भर बनें : सतीश लाटिया

महर्षि वाल्मीकि कॉलेज में दीक्षारंभ कार्यक्रम संपन्न।

कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथियों ने परंपरागत रूप से नवप्रवेशित छात्र-छात्राओं का तिलक लगाकर स्वागत किया। इसके पश्चात प्राचार्य डॉ. रश्मि सिंह ने अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कहा कि महाविद्यालय में प्रवेश हर विद्यार्थी के जीवन की सफलता की प्रथम सीढ़ी है। यदि छात्र-छात्राएँ नियमित रूप से अपने प्राध्यापकों से मार्गदर्शन लेकर अध्ययन करेंगी, तो निश्चित ही अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकेंगी।

इस अवसर पर एनईपी संयोजक रितेश कुमार नाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की रूपरेखा और महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने डीएससी, जीई और वीएसी पाठ्यक्रमों की जानकारी दी और विद्यार्थियों को अपनी रुचि व क्षमता के अनुसार विषय चयन करने हेतु प्रेरित किया। साथ ही उन्होंने नई शिक्षा नीति की परीक्षा प्रणाली एवं क्रेडिट सिस्टम की भी विस्तृत जानकारी दिए।

मुख्य अतिथि सतीश लाटिया ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि कॉलेज जीवन का समय अमूल्य होता है और यह अवसर जीवन में दोबारा नहीं आता। उन्होंने विद्यार्थियों को अनुशासन, परिश्रम और दृढ़ संकल्प के साथ आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा आज आप महाविद्यालय में प्रवेश कर रहे हैं, जैसे पौधा रोपण के बाद वह बड़ा पेड़ बनकर पूरी प्रकृति को छाया और ठंडक देता है, वैसे ही आप यहां से विद्यार्जन कर राष्ट्र का नाम रोशन करेंगे।

विशिष्ट अतिथि रत्नेश सिंह ने कहा कि विद्यालय और महाविद्यालय केवल पढ़ाई के केंद्र नहीं हैं, बल्कि यह व्यक्तित्व निर्माण के मंदिर हैं। यहाँ से विद्यार्थी केवल ज्ञान ही नहीं, बल्कि संस्कार भी लेकर निकलते हैं। उन्होंने शिक्षा को जीवन मूल्यों से जोड़ने और समाज-राष्ट्र निर्माण में विद्यार्थियों की भूमिका पर बल दिया।

भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश कोषाध्यक्ष छत्रप्रताप देव दुग्गा ने कहा कि समाज की प्रगति का आधार शिक्षा है। यदि विद्यार्थी अनुशासन और परिश्रम को अपना साथी बना लें तो कोई कठिनाई उनके मार्ग में बाधा नहीं बन सकती। इसी मौके पर मंडल अध्यक्ष डिगेश खापर्डे ने भी विद्यार्थियों को सम्बोधित किया।

कार्यक्रम के सांस्कृतिक चरण में विद्यार्थियों ने मनोरम प्रस्तुतियों से माहौल को जीवंत बना दिया। इस अवसर पर महाविद्यालय के भूतपूर्व छात्र एवं भाजपा मंडल महामंत्री राजीव श्रीवास तथा वरिष्ठ पत्रकार राजकुमार दुबे ने गीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम को और भी रोचक बना दिया। अतिथियों ने विद्यार्थियों की प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए उन्हें नगद पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया। अंत में एक पेड़ माँ के नाम के तहत कॉलेज परिसर में अतिथियों के द्वारा पौधा रोपण किया गया।

इस अवसर पर जनभागीदारी समिति के सदस्य शंकर लाल गांधी, सतीश श्रीवास्तव, गिरधारी नरेटी, राजीव श्रीवास, कुणाल सिंह सहित महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक, अधिकारी-कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के अंत में सहायक प्राध्यापक सुषमा चालकी ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक श्रीदाम ढाली एवं एमएससी तृतीय सेमेस्टर की छात्रा अंजू कश्यप और नीलिमा ने किया।

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