भानुप्रतापपुर में चढ़ा परिवहन संघ चुनाव की गर्मी का पारा… 10सितंबर को होगा मतदान

बता दे कि वर्तमान में गुरुदीप सिह ढींढसा अध्यक्ष है। इनके कार्यकाल दो वर्ष पूर्व समाप्त हो गई थी लेकिन परिवहन संघ के सदस्यों के आपसी विवाद के कारण दो वर्षों से परिवहन संघ का चुनाव नही हो पाया था।

चुनावी मैदान में एकता पैनल से चुनाव चिन्ह दो पत्ती छाप से अध्यक्ष पद के लिए वर्तमान अध्यक्ष गुरुदीप सिह ढींढसा पुनः एक बार किस्मत आजमाने में लगे हुए है। इनके अलावा सचिव पद के लिए भूपेंद्र सिंह सिद्धू, उपाध्यक्ष के लिए लक्ष्मीकांत ठाकुर,कोषाध्यक्ष के लिए गोलू शुशांत सिह पवार एवं सह सचिव के लिए हिमांशु संचेती के टीम है।

युवा पैनल चुनाव चिन्ह से उगता सूरज के उम्मीदवार अध्यक्ष के लिए सचिन दुबे जो पहली बार चुनावी मैदान में उतरे है। इनके सहयोगी टीम में सचिव के लिए ललित अग्रवाल, उपाध्यक्ष संदीप
पवार, कोषाध्यक्ष नरेंद्र शर्मा एवं सह सचिव के लिए विभाष जायसवाल प्रत्याशी है। तीसरा पैनल के रूप में सत्यपथ पैनल है जिनका चुनाव चिन्ह बरगद का पेड़ मिला है। जिसमे अध्यक्ष के लिए गुरलाल सिह रंधावा, सचिव के लिए ओम प्रकाश चौहान, उपाध्यक्ष खुशी राम मरकाम, कोषाध्यक्ष धीरज गुप्ता है एवं सहसचिव संकेत नशीने चुनावी मैदान पर है।

इस बार के चुनाव में चौथा गुट भी चुनाव लड़ने की तैयारी में था परंतु अचानक उसने इस चुनाव से किनारा कर लिया वह था परिवहन संघ के लंबे समय से सचिव पद संभाल रहे संतोष पारख का गुट संतोष पारख ने अचानक एक दिन पहले ही चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया और तीनों प्रत्याशियों के लिए मैदान खुला छोड़ दिया हालांकि उनके हटने से किस गुट को फर्क पड़ेगा यह तो अभी तक स्पष्ट नहीं हो रहा है क्योंकि उनकी तरफ से कोई ऐसी प्रतिक्रिया नहीं आई है… फिर भी अचानक चुनाव से हटना किस गुट पर भारी पड़ेगा यह आने वाला समय ही बताएगा।
इस बार परिवहन संघ के चुनाव के लिए 10 सदस्यों की एक निर्वाचन समिति बनाई गई है इस समिति के सदस्य पारदर्शिता के साथ चुनाव को संपन्न कराने में जुटे हुए हैं।

इस समिति में हरचरण सिंह रंधावा लवली, मुकेश चंद्राकर,मोहम्मद वाहिद खान,सुशील शर्मा,राहुल शुक्ला, मनीष एस,नमन जैन,सुनील भंसाली,सुरेश सचदेव,
राजकुमार दुबे इन सभी में से सुरेश सचदेव ने चुनावी प्रत्याशी के समर्थन में होने के कारण किनारा कर लिया है अब इस समिति में 9 सदस्य हैं।


अगर राजनीतिक चश्मे से देखें तो एकता पेनल को कांग्रेस पार्टी का समर्थन प्राप्त है। वहीं दूसरे दो दल भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों के दल है। दिलचस्प बात यह है कि इस क्षेत्र में प्रमुख रूप से राजनीतिक दबदबा रखने वाले राठौर बन्धुओं के गुट के ही है.

अब राठौर बंधु किस गुट को अपना समर्थन देते हैं और अध्यक्ष पद की कुर्सी तक पहुंचाते हैं आने वाला 10 सितंबर ही बतायेगा। अब देखने वाली बात होगी कि मतदाता किसे चुनकर यूनियन में बिठाती है। चुनावी मुद्दा क्या होगी? बहरहाल कुछ दिन और इंतिज़ार करना होगा।

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