घर के अंदर 6 बेड का हॉस्पिटल संचालित होने की भी जानकारी
दिलीप गुप्ता
सरायपाली। शिकायत के आधार पर एसडीएम द्वारा बलौदा में नीरज मेडिकल के पीछे स्थित एक क्लिनिक व लैब में छापामार कार्यवाही किये जाने के बाद क्लिनिक को सील कर दिया गया है । उक्त क्लिनिक ओ.पी .साहू का बताया जा रहा है । ग्रामीणों ने बताया कि इसी क्लिनिक में परछी नुमा स्थान पर लकड़ी के पाटो को बेड का स्वरूप देकर उसमे मरीजों का उपचार किया जाता था ।
सरायपाली के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रो में अनेक झोला छाप डॉक्टरों द्वारा अवैध रूप से क्लिनिक व लैब के संचालन की जानकारी आती रहती है । प्रशासन कार्यवाही भी करता है किंतु कड़ी व अपेक्षित कार्यवाही के साथ साथ नियमित रूप से स्वास्थ्य विभाग एवं ग्रामीण क्षेत्रो में फैले स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापरवाही व अनदेखी की वजह से विभाग व प्रशासन तक जानकारी नही पहुंच पाती जिसके कारण समुचित कार्यवाही नही हो पाती । ग्रामीण क्षेत्रो में अवैध रूप से चिकित्सा का कार्य किये जाने की जानकारी होने के बावजूद आपसी सेटिंग के चलते विभाग को जानकारी नही दिए जाने के कारण कार्यवाही भी नही हो पाती है । इसी वजह से बेधड़क ग्रामीण क्षेत्रो में अवैध चिकित्सा कार्य संचालित हो रहा है ।
नगर व ग्रामीण क्षेत्रो में अनेक मेडिकल स्टोर है जो मेडिकल दुकानों की आड़ में चिकित्सा का कार्य करते हैं किंतु कार्यवाही के अभाव में यह धंधा खूब फल फूल रहा है ।
इस संबंध में बीएमओ डॉ कुणाल नायक ने जानकारी देते हुवे बताया कि सूचना के आधार पर एसडीएम अनुपमा आनंद के नेतृत्व में बलौदा में अवैध रूप से संचालित एक क्लीनिक और लैब जांच के उपरांत को एसडीएम द्वारा सील कर दिया गया है । उक्त क्लिनिक को ओपी साहू द्वारा बिना किसी वैधानिक अनुमति के क्लीनिक और लैब संचालित करने की शिकायत मिली थी। शिकायत के आधार पर एसडीएम अनुपमा आनंद और बीएमओ डॉ. कुणाल नायक के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम ने मौके पर छापेमारी की। जांच के दौरान पाया गया कि ओपी साहू बिना किसी वैध लाइसेंस या दस्तावेज के लैब और क्लीनिक चला रहा था। टीम ने मौके पर कई अनियमितताएं पाई। क्लीनिक में कई बेड भी पाए गए, जहां मरीज का इलाज किया जाता है। हालांकि,मौके पर कोई भी मरीज नहीं मिले, लेकिन टीम को कई सीरिज, दवाइयां, और अन्य चिकित्सा उपकरण मिले। जिसे बरामद किया गया। जिनके उपयोग के लिए कोई वैध अनुमति नहीं ली गई थी। जांच में यह भी सामने आया कि संचालक के पास न तो लैब संचालन का प्रमाण-पत्र था और न क्लीनिक चलाने की योग्यता। ऐसी स्थिति में मरीजों की जान को खतरा हो सकता था। क्योंकि, अनाधिकृत चिकित्सा सेवाएं स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम पैदा करती हैं। इसके बाद एसडीएम अनुपमा आनंद के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने क्लीनिक और लैब को सील कर दिया। कार्रवाई में स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मचारी भी शामिल थे। यह कदम अवैध चिकित्सा गतिविधियों पर रोक लगाने व जनता को सुरक्षित चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हो सके इसलिए इसलिए इस तरह की कार्यवाही आवश्यक है