गरियाबंद जिले के देवरी गांव में ऋषि पंचमी के अवसर पर एक अनोखी परंपरा देखने को मिली। यहां जहरीले सांपों की शोभायात्रा निकाली गई, जिसे देखने हजारों लोग आसपास के गांवों से पहुंचे। ग्रामीणों का दावा है कि इस परंपरा के चलते आज तक गांव में सर्पदंश की कोई घटना नहीं हुई है।

सांवरा समिति करती है आयोजन
गांव में सांवरा समिति नामक संगठन सालभर घरों और खेतों में दिखाई देने वाले सांपों को पकड़कर सुरक्षित रखता है। ऋषि पंचमी पर इन सर्पों की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इसके बाद भव्य शोभायात्रा निकाली जाती है, जहां ग्रामीण फूल-मालाओं से स्वागत करते हैं।

शोभायात्रा के बाद जंगल में छोड़े जाते हैं सांप
पूजा-अर्चना के बाद सभी सांपों को सुरक्षित जंगलों में छोड़ दिया जाता है। ग्रामीण मानते हैं कि यह परंपरा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि प्रकृति और जीव-जंतुओं के संरक्षण का संदेश भी देती है।

सांवरा गुरु पाठशाला – सांप पकड़ने की अनोखी शिक्षा
देवरी में सांवरा गुरु पाठशाला भी संचालित है, जहां युवाओं को सांपों को सुरक्षित तरीके से पकड़ने और उन्हें संरक्षित करने की तकनीक सिखाई जाती है।
श्रद्धा और संवेदनशीलता का अद्भुत संगम
ग्रामीणों के अनुसार, यह परंपरा पीढ़ियों से जारी है और गांव की पहचान बन चुकी है। श्रद्धा, जीव संरक्षण और साहस का यह अनूठा संगम हर साल हजारों लोगों को आकर्षित करता है।