:राजकुमार मल:
भाटापारा- फिलहाल 110 से 120 रुपए किलो है पर पहुंच सकती है 130 से 140 रुपए किलो तक।
जूट की सुतली में आ रही तेजी से अब होलसेल मार्केट परेशान होने लगा है
क्योंकि सीजन के पूर्व तैयारी में लग चुका है रिटेल मार्केट।
आगत खरीफ फसल के लिए इस बार खाद्य प्रसंस्करण ईकाइयों के साथ किसानों को भी अतिरिक्त रकम की व्यवस्था अभी से करनी होगी क्योंकि पश्चिम बंगाल में प्रतिकूल मौसम ने जूट की तैयार फसल को बेतरह नुकसान पहुंचाया है। ऐसे में सुतली और बारदाने की कीमत में जबरदस्त वृद्धि हुई है।

रिकॉर्ड तेजी
बढ़ती रही है प्रति किलो कीमत लेकिन पहली बार एक मुश्त 20 रुपए की तेजी ने होलसेल मार्केट के पसीने छुड़ा दिए हैं क्योंकि सीजन के ठीक पहले आई यह स्थिति खुदरा बाजार की मांग पर असर डाल सकती है।
लिहाजा मांग का स्तर बनाए रखने के लिए अपने स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं, फिर भी 110 से 120 रुपए किलो जैसी कीमत को देखकर खुदरा बाजार उहापोह में है।
दोहरा नुकसान ऐसे
ठीक तैयार फसल के दौरान हुई बारिश के बाद सुतली कारखाने तक पहुंच रही जूट में नमी की मात्रा मानक से ज्यादा है।
यह नमी, तैयार हो रही सुतली में भी आ रही है। बाजार सूत्रों के मुताबिक प्रति 50 किलो की पैकिंग में नमी की यह मात्रा 4 से 6 किलो के आसपास आ रही है।
जानकारी तब मिलती है, जब सुतली पूरी तरह सूख चुकी होती है।

असर बारदाना की कीमत में भी
ठहरी हुई है इसमें मांग लेकिन तेजी के बावजूद ओल्ड जूट बैग में एडवांस सौदे होने लगे हैं।
फिलहाल सिंगल यूज़ जूट बैग 24 से 30 रुपए प्रति नग और डबल यूज़ जूट बैग में 15 से 20 रुपए प्रति नग की दर पर बाजार खुला हुआ है।
कीमत भले ही अभी क्रय शक्ति के भीतर मानी जा रही है लेकिन तेजी की आशंका इसमें भी है।