:दिलीप गुप्ता:
सरायपाली :- नगर में बेहतर , सुगम व सुरक्षित यातायात के उद्देश्य से बनाये जा रहे गौरवपथ का निर्माण अब अपने मूल उद्देश्य से भटकता दिखाई दे रहा है । नगर के गौरवपथ में सड़क निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है ।
कुछ जगह नाली सड़क से ऊपर तो कुछ जगहों पर सड़क से नीचे नालियां बनाई गई है । कई दुकानदारों और इस इलाके में रहने वाले लोग अपने घरों व दुकानों के सामने पर्याप्त जगह होने के बावजूद
गौरवपथ में ही गाड़ियां आड़ी तिरछी खड़े कर देते हैं ।
इस समस्याओ का समाधान था गौरवपथ निर्माण के बाद पैदल यात्रियों के लिए सर्विस रोड बनाया जाना किंतु अब ऐसा नही लग रहा है कि सर्विस रोड व सहायक नाली का निर्माण हो पायेगा । सर्विस रोड निर्माण के अभाव में मुख्य नाली से दुकानों व मकानों तक लगभग 15 फिट जगह नगरपालिका द्वारा उपयोग हीन कर दिया गया है ।

वास्तविकता यह है कि नगरपालिका को दोनों तरफ विवादित जगहों को छोड़कर 60 -60 फिट जमीन लेकर गौरावपथ का निर्माण किया जाना था । यह आने वाले वर्षो तक सरायपाली के लिए यातायात के लिए निश्चिन्तता का विषय हो सकता था । किंतु कांग्रेस शासन के द्वारा बनाये गए प्राक्कलन में ही शुरुवाती तौर पर ” किसी का कोई नुकसान न हो” के बहाने राजनैतिक स्वार्थपूर्ति के लिए गौरवपथ के डिजाइन को पूरी तरह बर्बाद कर दिया गया ।
कुछ लोगों को खुश करने के चक्कर मे पूरे गौरवपथ , नालियों , डिवाइडरों व सर्विस रोड निर्माण में भारी बदलाव नगरवासियो के अपेक्षाओं को पूर्ण नही कर पा रहा है । रही सही कसर नगरपालिका में सत्ता परिवर्तन के बाद प्रभारी नपाध्यक्ष द्वारा नागरिको व व्यापारियों को व्यवसायिक सुविधा दिए जाने के भ्रम जाल में फंसाकर व ” स्वरूप में परिवर्तन किया गया है बदलाव नही ” जैसे भ्रमित शब्दो का उपयोग कर गौरवपथ का पूरा सत्यानाश कर दिया गया ।

गौरवपथ से सम्बंधित सभी निर्माण कार्य जिनमे डिवाइडर , विद्युत पोल , स्ट्रीट लाईट , डिवाइडरों की ऊंचाई , घटिया नाली निर्माण , सड़को की चौड़ाई , अनावश्यक रूप से क्रासिंग बनाना , सर्विस रोड व सहायक नाली ( दोनों के निर्माण होने की संभवतः संभावना नही दिख रही है )जैसे कोई भी ऐसा निर्माण नही किया गया जिससे नगरवासी गौरवान्वित हो सके । भ्रष्टाचार व अनियमितताओं की नगरपालिका व गौरवपथ निर्माण में जैसे बाढ़ सी आ गई है ।
गौरवपथ में सड़क व नाली निर्माण के बाद भी लगभग 15 फिट जगह बचती है जिस पर सर्विस रोड व सहायक नाली बनेगी ऐसी चर्चा है । पर इसके बनने की कोई संभावना दिखाई नही देती ।नगर में चर्चा है कि इस योजना में आने वाले खर्च को स्ट्रीट लाइट के बदलाव व डिवाडर के ऊपर पाईप लगाकर उसे सुंदरता का रूप व मवेशियों से पौधों को बचाव का बहाना बनाकर योजनाओं को फ्लाप किया गया ।

जबकि अभी जो पाईप वाली जाली लगाई जा रही है इससे डिवाइडरों में लगने वाले पौधों की सुरक्षा की कोई गारंटी नही है । पाईप में दिए गए गेप से मवेशी आराम से मुंह अंदर डालकर पौधों को नुकसान पहुंचा सकते हैं ।
नगर में गौरवपथ के आजु बाजू यदि सर्विस रोड बनाया गया होता तो गौरवपथ वाहनों के आने जाने के लिए फ्री हो जाता ।
जिन्हें दुकान व घर जाना होता वे इस सर्विस रोड के माध्यम से अपनी दोपहिया व चारपहिया वाहनों को खड़ी कर आराम से खरीददारी भी कर सकते थे साथ ही वाहन मालिकों को अपने अपने घरों के सामने वाहन खड़े करने की सुविधा भी मिल सकती थी । इस सुविधा से गौरवपथ की सड़को पर निर्बाध गति से सुरक्षित यातायात भी संचालित हो सकता था । आज नगरवासियो , व्यवसायियों व ग्राहकों को मजबूरन गौरवपथ में ही अपनी वाहनों को खड़े करने की मजबूरी हो रही है जिसके चलते गौरव पथ में सैकड़ो की संख्या में सड़क के दोनों तरफ वाहनों का जमावडा लगे रहता है ।
इससे गौरवपथ की आधी सड़क को इन वाहनों द्वारा घेर लिया जाता है जिससे सड़क की चौड़ाई कम हो जाती है व आये दिनों हमेशा चक्का जाम की स्थिति निर्मित होती है ।नाली निर्माण के बाद बचे लगभग 15 फिट की जगहों का उपयोग सम्बंधित व्यवसायियों द्वारा अपने निजी व व्यवसायिक उपयोग के लिए किए जाने से ग्राहकों की मोटरसाइकिल व कारें इस छुटे हुवे स्थान तक नही जा पा रही है जिससे वाहनों को गौरवपथ में ही खड़ा करना पड़ रहा है ।

इस तरह नगरपालिका की यह व्यवस्था अघोषित रूप से व्यवसायियों को शेष बचे 15 फिट के स्थान को अतिक्रमण किये जाने के लिए प्रेरित कर रही है । नगरपालिका को चाहिए कि शेष बचे 15 फिट की जगह को व्यवसायियों से खाली कराकर उसे पार्किंग का रूप दे जिससे गौरबपथ में अनावश्यक रूप से वाहनों को खड़े किए जाने से बचा जा सके ।
नगर के अनेक स्थानों पर खासकर जयस्तंभ चौक से संतोषी मंदिर , भारत पेट्रोलियम से जयस्तंभ चौक , ईदगाह मार्केट से बस स्टैंड तक का एरिया में सर्वाधिक वाहनों की भीड़ भाड़ खासकर शाम के समय देखी जा सकती है ।
इसी तरह बस स्टैंड के आसपास स्थिति सर्वाधिक खराब है । सभी यात्री बसें सड़क में ही खड़ी होती है । बस स्टैंड नाम का बस स्टैंड है । अतिक्रमण के चलते व अनावश्यक रूप से बसों के खड़ी हो जाने से वहां वैसे भी जगह बचती नही हैं इसलिए मजबूरीवश बसें सड़क में खड़ी की जाती है । बस स्टैंड के प्रवेश द्वार के आसपास हमेशा ऑटो खड़े रहने , बस स्टैंड के सामने बड़ोदा बैंक व क्षीरसागर रेस्टोरेंट के सामने वाहनों की कतार लगे रहने से यातायात प्रभावित हो रहा है ।
गौरवपथ के किनारे मोटरसाइकिल , कार व ट्रक से जुड़े मैकेनिकों के दुकान होने से अधिकांश समय गौरवपथ में ही वाहनों को खड़ी कर मरम्मत की जा रही है । जिससे हमेशा यातायात प्रभावित होते रहता है । इसी तरह नगर में लगभग 20 बैंक संचालित है पर पार्किंग व्यवस्था किसी भी बैंक के पास नही है ।
नगर के अधिकांश बैंक गौरवपथ से लगे है । ग्राहकों की भीड़ के साथ साथ वाहनों की भीड़ भी बैंकों के सामने लगे रहने से भी हमेशा दुर्घटना की संभावनाएं बनी रहती है । नगर में लगातार ट्रैफिक का दबाव प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है ।
जिससे यातायात असुरक्षित होता जा रही है । इन यातायात को कंट्रोल किये जाने हेतु नगर में यातायात पुलिस के अभाव के चलते इस सुविधाओ से नगरवासी वंचित हैं । नगर में हमेशा दीपावली , रक्षाबंधन व अन्य इस तरह के खरीददारी वाले त्योहारों व अवसरों में भारी भीड़ होती है पर कभी भी इन्हें कंट्रोल करने या व्यवस्थित करने पुलिस बलों को नही देखा जाता ।
विभाग की मजबूरी यह है कि आज वर्षो से यह शिकायत रही है कि बल की कमी के कारण हम व्यवस्था नही कर पा रहे हैं ।
ऐसे में अब सवाल यह है कि आखिर गौरवपथ की सड़क में मनमाने तरीके से गाड़ी खड़ी कर दिए जाने से होने वाली परेशानियों , दुर्घटनाओ की संभावनाओं , यातायात में हो रही दिक्कतों से छुटकारा कौन दिलायेगा ?
इन वाहनों व यातायात में बाधक बन रहे वाहनों व दुकानदारों पर कार्यवाही कौन करेगा ? यह नगर के लिए सबसे बड़ा सवाल हो गया है ।