नई दिल्ली: भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शनिवार को आईआईटी मद्रास में एक कार्यक्रम के दौरान ऑपरेशन सिंदूर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं।
उन्होंने बताया कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार ने सेना को पूरी छूट दी थी और यह “राजनीतिक दिशा व स्पष्टता का अनूठा उदाहरण” था।

“अब बहुत हो गया” – रक्षा मंत्री ने दिया था सेना को फ्री हैंड
22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी थी। इसके अगले दिन (23 अप्रैल) रक्षा मंत्री ने तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक की और कहा – “अब बहुत हो गया।” जनरल द्विवेदी ने बताया, “हमें पूरी छूट दी गई कि जो करना है, वह हम तय करें। यह पहली बार था जब इतनी स्पष्ट राजनीतिक दिशा मिली।”
25 अप्रैल को सेना ने योजना बनाकर ऑपरेशन शुरू किया और पाकिस्तान के नौ में से सात आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। इसके अलावा, भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के छह विमान मार गिराए, जिनमें पांच लड़ाकू विमान और एक AWACS (एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम) शामिल था।
“हम शतरंज की तरह चालें चल रहे थे”
जनरल द्विवेदी ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर एक तरह का शतरंज खेलने जैसा था। हम नहीं जानते थे कि दुश्मन की अगली चाल क्या होगी। यह ग्रे जोन वारफेयर था – न पूरी तरह युद्ध, न शांति। हम चालें चलते, वे जवाब देते, और कभी हम उन्हें चेकमेट कर देते।”
पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर पर तंज
सेना प्रमुख ने पाकिस्तानी आर्मी चीफ असीम मुनीर पर निशाना साधते हुए कहा, “युद्ध में नैरेटिव मैनेजमेंट महत्वपूर्ण होता है। अगर आप किसी पाकिस्तानी से पूछें कि वे हारे या जीते, तो वे कहेंगे कि उनके जनरल को ‘फील्ड मार्शल’ बनाया गया, इसलिए वे जरूर जीते होंगे!”
300 KM दूर से मार गिराए गए थे पाकिस्तानी विमान
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बेंगलुरु में खुलासा किया कि भारत के एस-400 मिसाइल सिस्टम ने 300 किमी दूर से पाकिस्तानी विमानों को निशाना बनाया था। इसके अलावा, जैकोबाबाद एयरबेस पर खड़े विमानों को भी नुकसान पहुंचाया गया।
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सैन्य रणनीति और सरकारी समर्थन का एक उदाहरण है, जिसमें पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा। सेना प्रमुख के बयान से साफ है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस” की नीति पर चल रहा है।