कोई नारी डायन-टोनही नहीं होती: डॉ. दिनेश मिश्र

डॉ दिनेश मिश्र ने कहा जानकारी के अनुसार हजारीबाग के बरही थाना के जरहिया गांव की एक महिला को जादू टोने के शक में कुछ आरोपियों ने घर में घुसकर उसे निर्वस्त्र कर पीटा, ब्लेड से उसके शरीर के कई हिस्से काटे, खून निकाला और तांत्रिक क्रियाएं कीं। इसके बाद उसे जबरन बिहार के गया ले जाकर उसका सिर मुंडवा दिया गया। डायन मुक्ति के नाम पर महिला और उसके बेटे से 30,000 रुपये भी वसूले गए।ब्लेड से शरीर पर काटा गया.


पीड़िता रविवार रात बरही थाने पहुंची और अपनी आपबीती सुनाई, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। महिला ने बताया कि शुक्रवार शाम गांव के सात लोग उसके घर पहुंचे और उस पर डायन होने का आरोप लगाकर उसे बाहर निकाल दिया। उसके कपड़े उतार दिए गए। फिर उसकी पिटाई की गई और ब्लेड से उसके शरीर को काटा गया और खून निकाला गया। खून से तांत्रिक क्रियाएं की गईं। घर से जबरन उठाया, मारपीट की और सिर मुंडवा दिया.


इसके बाद आरोपी उसे जबरन घर से ले गए। बरही से उसे गया जिले के प्रेतशिला ले जाया गया और उसका सिर मुंडवा दिया गया। वहां भी उसके साथ मारपीट की गई। आरोपी बार-बार यही कहते रहे कि उसे ‘डायन-बिसाही’ से मुक्ति दिलाई जा रही है। इसी नाम पर महिला और उसके बेटे से 30,000 रुपये भी वसूले गए।शनिवार रात करीब 10 बजे आरोपी महिला को बरही बाजार में छोड़कर फरार हो गए। वह किसी तरह अपने घर लौटी। डरी-सहमी महिला ने रविवार रात हिम्मत जुटाई और बरही थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई।


आज के युग में यह अंधविश्वास अत्यंत शर्मनाक है.
डॉ . दिनेश मिश्र ने कहा कोई नारी डायन /टोनही नही होती. जादू टोने का कोई अस्तित्व नहीं होता .यह सिर्फ अंधविश्वास है, इस प्रकार किसी भी निर्दोष महिला को प्रताड़ित करना शर्मनाक तथा अपराध है .


बीमारियों के अलग अलग कारण होते हैं, संक्रमण, कुपोषण, दुर्घटनाओं से लोग बीमार होते हैं उनका सही उपचार होना चाहिए . किसी निर्दोष को मारने पीटने जलाने से कोई बीमार ठीक नहीं होता. डायन की मान्यता अंधविश्वास है.
हमारी झारखंड शासन से मांग है कि इस मामले में शामिल अन्य सभी दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए उन्हें कड़ी सजा मिले

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